नई दिल्ली (प्रदीप कुमार) : पैगंबर टिप्पणी विवाद पर अरब देशों की प्रतिक्रिया ने देश में नई बहस छेड़ दी है। ये विवाद ऐसे वक्त सामने आया है जब भारत और अरब देशों के बीच कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्ते नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। पैगंबर पर टिप्पणी विवाद से अरब और कई अन्य मुस्लिम देशों की नाराज़गी के बाद पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले ओमान के ग्रैंड मुफ्ती के ट्वीट के बाद अरब देशों में भारतीय सामानों के बहिष्कार का अभियान देखने को मिल रहा है।कतर, कुवैत, बहरीन, यूएई, सऊदी अरब समेत कई मुस्लिम देशों ने पैगंबर टिप्पणी विवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
भारत विरोधी हैशटैग को सोशल मीडिया में जमकर हवा
पाकिस्तान ने भी भारत विरोधी हैशटैग को सोशल मीडिया में जमकर हवा दी। हालांकि इस पूरे विवाद में भारत सरकार की फौरी कूटनीतिक कार्रवाई के बाद माना जा रहा है कि इन देशों के साथ भारत के कूटनीतिक रिश्तों पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। हालांकि पैगंबर और पीएम मोदी को लेकर चल रहे हैशटैग खाड़ी के देशों में अभी भी ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं। इसमें भारतीय सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया जा रहा है।
खाड़ी देश भारत के तेल और गैस आयात के प्रमुख स्रोत
यह विवाद ऐसे समय पर खड़ा हुआ है जब भारत और खाड़ी देशों के बीच आर्थिक रिश्ते नई ऊंचाई पर पहुंच रहे हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है और उसका करीब 65 फीसदी तेल खाड़ी देशों से ही आता है। वहीं भारत के 80 लाख लोग खाड़ी देशों में काम करते हैं और हर साल अरबों डॉलर घर भेजते हैं। खाड़ी देश भारत के तेल और गैस आयात के प्रमुख स्रोत हैं और इनके बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 100 अरब डॉलर का है।
यूएई अकेले करीब 35 लाख भारतीयों को देता है रोजगार
यूएई ही अकेले करीब 35 लाख भारतीयों को रोजगार देता है। भारतीय कामगारों की ओर से भेजे जाने वाले कुल विदेशी पैसे में 33 फीसदी या करीब 20 अरब डॉलर केवल यूएई से आता है। यूएई ने भारत को भविष्य के लिहाज से अपना आर्थिक भागीदार बनाया है। माना जा रहा है कि यूएई के साथ डील से वार्षिक कारोबार अगले 5 साल में 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। इससे भारत में हजारों की तादाद में लोगों को नौकरियां मिलेंगी।’
सऊदी अरब में रहते हैं करीब 22 लाख भारतीय
भारत और सऊदी अरब के बीच रिश्ते ऐसे हैं कि रियाद को इसमें राजनीतिक और आर्थिक बढ़त हासिल होती रहती है। सऊदी अरब में करीब करीब 22 लाख भारतीय रहते हैं।भारत जानता है कि भारतीयों की नौकरी के कारण खाड़ी देशों का उसके ऊपर कितना प्रभाव है। इसी वजह से भारत सरकार ने पैगंबर पर टिप्पणी विवाद में अरब देशों की प्रक्रिया पर तेजी से प्रतिक्रिया दी है।