बारिश के मौसम में रखें खान-पान का विशेष ध्यान

Monsoon care : मानसून के दौरान अपने खान-पान को लेकर सावधान रहने की बहुत जरूरत होती है। क्योंकि.... | Total tv, News Hindi, Live news tv,

मानसून के दौरान अपने खान-पान को लेकर सावधान रहने की बहुत जरूरत होती है। क्योंकि, नमी और उमस भरे वातावरण में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया होते हैं, जो ध्यान न देने पर खाने पीने को खराब कर देते हैं, इनके सेवन से ये वायरस शरीर में पहुंच जाते हैं और हमारा पाचन तंत्र बिगड़ जाता है।

फिर कोई भी आसानी से अपच, दस्त, हैजा, खांसी-जुकाम, टायफाइड, वायरल जैसी बीमारियों की चपेट में आ सकता है। वर्तमान कोरोना काल में संक्रमण से बचाव के लिए सही डाइट और भी जरूरी है।

 

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क्या-क्या सेवन करें

-इस मौसम में हल्का, संतुलित आहार का सेवन करें। गेंहू, मक्का, जौ, बेसन जैसे साबुत सूखे अनाज और मूंग, चना जैसी दालों को शामिल करना बेहतर है। प्रोटीन, लौह और मैगनीशियम युक्त इन खाद्य-पदार्थों के सेवन से वॉटर रिटेंशन कम होता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता है।

-आहार में मौसमी फल-सब्जियों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। घिया, तोरई, टिंडा, भिंडी, फ्रैंच बींस जैसी सुपाच्य सब्जियों का सेवन करें। करेला, मूली जैसी कड़वी तासीर वाली सब्जियां संक्रमण से बचाती हैं।

-पेट खराब होने से बचाने के लिए ज्यादा मिर्च-मसाले युक्त भोजन खाने से परहेज करें।

-भोजन में अदरक, लहसुन, पुदीना, धनिया, काली मिर्च, हल्दी, हींग, मेथी, काली मिर्च, तुलसी, इलायची, सौंफ, अजवायन, करी पत्ता जैसे मसालों का उपयोग करें, ये पाचन शक्ति बढ़ाने में उपयोगी हैं।

-रोजाना तीन रंगों के फल खाएं, जैसे-जामुन, मौसंबी, अमरूद, आंवला, नाशपाती, आलू बुखारा, पपीता, आम, अनार, केला। विटामिन सी से भरपूर ये फल शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने और संक्रमण से बचाव कर हमारी क्षमता बढ़ाते हैं।

-ऑयली या फ्राइड फूड के बजाय ग्रिल्ड और तंदूरी आहार बनाएं। ऑयल कम इस्तेमाल होने के कारण इनके सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं कम होती हैं।

-शरीर को डिटॉक्स करने के लिए इस मौसम में लिक्विड डाइट लें। दिन में कम से कम एक बार नारियल पानी, सेंधा नमक-अजवायन-जीरा मिलाकर नमकीन लस्सी, सूप, अदरक-तुलसी-काली मिर्च की चाय या काढ़ा जैसे पेय लें। हर्बल या ग्रीन चाय, वेजिटेबल सूप जैसे गर्म पेय भी ले सकते हैं।

-रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रात को सोने से पहने हल्दी वाला गर्म दूध जरूर लें। हमेशा याद रखें, भोजन बनाते समय सफाई का विशेष ध्यान रखें।

-बाजार से लाएं फल-सब्जियों को नमक मिले गुनगुने पानी या सिरका मिले पानी से अच्छी तरह धोने के बाद ही इस्तेमाल करें।

-दिन में 3 बड़े मील से भरपेट भोजन करने के बजाय तकरीबन 2 घंटे के अंतराल पर ब्रंच लें, जिसमें आप फल, ड्राई फ्रूट्स, स्नैक्स, सूप जैसे हल्के और पौष्टिक आहार ले सकते हैं। ध्यान रखें, अगर भूख हो तभी खाएं। वरना अपच हो सकता है।

-पानी का विशेष ध्यान रखें। बेशक घर में चाहे आरओ लगा हो या जल बोर्ड का पानी आता हो। बेहतर है पानी को कम से कम 2-3 मिनट तक उबालें, ठंडा होने पर छानकर ही इस्तेमाल करें। तांबे या चांदी के बर्तन में रखा पानी पीना फायदेमंद है। कोशिश करें फ्रिज का ठंडा पानी न पिएं ,क्योंकि इससे सर्दी-जुकाम का खतरा रहता है, तो गुनगुना पानी पिएं।

कैसे रखें खान-पान का ध्यान

-ताजा और गर्म भोजन ही खाएं, बचे हुए भोजन को एयरटाइट कंटेनर में बंद करके फ्रिज में रखें और 24 घंटे के भीतर खा लें।

-बैक्टीरिया पनपने की आशंका से पालक, पत्ता गोभी, फूलगोभी जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों से परहेज करें, जरूरी हो तो साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखकर बनाएं।

-ताजे फलों का ही सेवन करें। दागी, कटे-फटे या ढीले-गले हुए फल खाने से बचें। क्योंकि आपकी पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।

-तरबूज, खरबूजा जैसे जलीय फल न खाएं। नम प्रकृति के कारण इनमें बैक्टीरिया होने की संभावना अधिक होती है।

-बाजार में मिलने वाली चाट-पकौड़े, भल्ले-पापड़ी, गोलगप्पे जैसी चीजें खाने से बचें।

-फ्राइड खाना बनाने के लिए सरसों, मूंगफली और तिल जैसे हैवी ऑयल के बजाय मकई, सोयाबीन, ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें।

-वायरल इंफेक्शन से बचने के लिए आइसक्रीम, दही, कुल्फी, जूस, मिल्क शेक जैसी चीजों के सेवन से बचें।

-आहार में नमक सीमित मात्रा में इस्तेमाल करें या फिर अधिक नमकीन खाद्य पदार्थ खाने से परहेज करें, अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में वॉटर रिटेंशन और सूजन हो सकती है।

-नॉनवेज डाइट से परहेज करें।

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