हरियाणा के होनहार पहलवान बजरंग पूनिया सोमवार को ओलंपिक टोक्यो से ब्रॉन्ज मेडल लेकर सोनीपत में अपने घर देर रात पर पहुंचे, इस दौरान उनकी मां ओम प्यारी ने तिलक लगाकर उनका जोरदार स्वागत किया और बजरंग पुनिया को घी से बना चूरमा खिलाया। इस दौरान पहलवान ने कहा कि अब वह अगले मुकाबलों के लिए तैयारियां करेंगे।
बजरंग पूनिया रेसलिंग के लगभग हर बड़े इवेंट में मेडल जीतने वाले भारतीय रेसलर हरियाणा के झज्जर जिले के गांव खुड्डन में उनका जन्म 26 फरवरी 1994 को हुआ था, लेकिन साल 2015 से पहलवान का परिवार सोनीपत में रहता है। क्योंकि बजरंग सोनीपत में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के रीजनल सेंटर में ट्रेनिंग अच्छे से कुश्ती कर पाएं और परिवार के नजदीक रहें।
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बजरंग ने वर्ष 2013 एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप और वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज़ मेडल्स जीत लिए। फिर साल 2014 में बजरंग ने अपने मेडल्स का रंग बदला। इस बार उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप, तीनों में सिल्वर मेडल अपने नाम किए। फिर बजरंग ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 2017 की एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और फिर 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में भी गोल्ड मेडल्स जीते। इसी साल हुई वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता जबकि अगले साल की वर्ल्ड चैंपियनशिप में उनके नाम ब्रॉन्ज़ मेडल रहा। इनके अलावा भी तमाम इंटरनेशनल मेडल्स जीत चुके बजरंग मौजूदा वक्त में देश के एक अच्छे रेसलर हैं। बजरंग के पिता बलवान सिंह को अपने बेटे पर ओलंपिक में मेडल जीतने पर बेहद खुशी है और उन्हें यह भी विश्वास है कि उनका बेटा आने वाले समय में देश के लिए और भी अच्छा करके दिखाएगा और आगामी ओलंपिक में अपने इस मेडल का रंग भी बदलेगा।
गौरतलब है कि सितंबर 2019 में ओलंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई करने वाले बजरंग ने इसी साल मार्च में हुए मैटेओ पेल्लिकोन रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में मंगोलिया के तुल्गा तुमुर ओचिर को हराकर 65kg की वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप स्पॉट हासिल किया था।