नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): देश में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव और राजस्थान में जारी सियासी सरगर्मियों के बीच कांग्रेस कुछ बड़े बदलावों पर विचार कर रही है।
पांच राज्यों में चल रही सियासी सरगर्मियों के बीच सोनिया गांधी ने आज राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली आवास पर मुलाकात की है।
पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। सोनिया गांधी और बघेल की मुलाकात के दौरान उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद रही।
मुख्यमंत्री बघेल, उत्तर प्रदेश के इलेक्शन ऑब्जर्वर भी हैं, ऐसे में इस मुलाकात के दौरान यूपी में चुनावी तैयारियों को लेकर अहम चर्चा होने की खबर है।
इसके बाद राजस्थान घटनाक्रम को लेकर सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। पायलट की मुलाकात को संगठन में नई जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर जोड़कर देखा जा रहा है।
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बताया जा रहा है कि राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार का फॉर्मूला तय होने के बाद पायलट की भूमिका भी तय हो जाएगी। बैठक के बाद सचिन पायलट ने कहा कि यह बहुत अच्छा है कि सोनिया गांधी जी लगातार प्रतिक्रिया मांग रही हैं कि क्या किया जाना चाहिए।
हमें इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि राजस्थान में फिर से चुनाव किए जाए। पायलट ने कहा कि सही समय पर पार्टी उचित निर्णय लेगी।
सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में 2023 में विधानसभा चुनाव है और 2024 में लोकसभा चुनाव,राजस्थान में सरकार बदलने की परंपरा इस बार टूटनी चाहिए।
इसी के साथ पायलट ने महंगाई को लेकर बीजेपी पर हमला भी बोला और कहा कि उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी को सबक सिखाया है।
दरअसल, सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली दौरे और शीर्ष नेताओं से मुलाकात के साथ ही राजस्थान में लंबे समय से प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर अटकलें तेज हो चुकी हैं।
जल्द ही राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल पर भी निर्णय हो जाएगा। पायलट लगातार कोशिश कर रहे हैं कि उनके करीबी और समर्थकों को गहलौत कैबिनेट में शामिल किया जाए।
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस हाईकमान अब राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों में शेयरिंग फॉर्मूला लागू करना चाहता है। ताकि गहलौत और पायलट खेमे के नेताओं के बीच खींचतान कम हो सके।
इससे पहले कल ही सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने कहा था कि राज्य कैबिनेट में किसी भी तरह के फेरबेदल का अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को ही लेना है और जो भी फैसला लिया जाएगा, वह उन्हें मंजूर होगा ।