दिल्ली (अवैस उस्मानी)। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि शिवसेना का असली वारिस कौन है, इस पर चुनाव आयोग फिलहाल कोई फैसला नही लेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस बाबत कोई निर्देश नहीं दिया है, लेकिन मौखिक तौर पर कहा है की जब तक ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तब तक चुनाव आयोग कोई फैसला न ले। वहीं महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार का गठन सही है या नही, यह मामला सुप्रीम कोर्ट संवैधानिक बेंच को भेजने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सोमवार तक कोई फैसला लेगा। Maharashtra news,
सुप्रीम कोर्ट मामले में दलबदल कानून, विधायकों की स्वायत्त और पार्टी की नीतियों से विधायकों के अलग होने और विधायकों के खरीद फरोख्त को नए सिरे से देखा जा सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई होगी। मामले की सुनवाई के दौरान शिंदे गुट की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर फैसला लेने में देरी करते हैं, ऐसा सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं अन्य मामलों में भी देखा गया है 2 से 3 महीने तक स्पीकर अयोग्यता पर फैसला लटकाए रखते हैं। अगर कोई कानून इस दौरान पास होता है तो उसका क्या होगा? Maharashtra news,
मुख्य न्यायाधीश ने हरीश साल्वे से पूछा कि अगर विधायक निर्वाचित होने के बाद पूरी तरह से राजनीतिक दल की अनदेखी कर रहे हैं तो लोकतंत्र के लिए खतरा है? शिंदे गुट की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि विधायकों ने पार्टी को नहीं छोड़ा है। उद्धव गुट कह रहा है कि हमने पार्टी छोड़ी जबकि हमने पार्टी नहीं छोड़ी है हम पार्टी में है, उद्धव गुट कोर्ट से मामले में फैसला करने को कह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साल्वे से पूछा कि आप कह रहे है, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट मामले की सुनवाई ना करें लेकिन आप ही सबसे पहले कोर्ट आये थे।
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उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले को संविधानिक पीठ के पास नहीं भेजा जाना चहिये , BMC का चुनाव आने वाला है, वह शिवसेना के सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहते है, सिब्बल ने कहा कि शिवसेना किसकी, यह मामला मुख्य न्यायाधीश ही तय करें बड़ी पीठ के पास नहीं भेजें। उद्धव गुट कि ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि शिदें गुट मामले को आने वीले बीएमसी चुनाव के चलते टालना चाहता है। ताकि वह शिवसेना के सिंबल का उपयोग कर सके। मेरी गुजारिश है कि अदालत निर्णय ले। सिब्बल ने कहा कि मेरा सवाल यह है की क्या 40-45 सदस्य किसी सदन में यह कह सकते हैं कि वो एक राजनीतिक दल हैं।
बता दें की चुनाव आयोग में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट ने शिव सेना पार्टी पर दावेदारी की है। चुनाव आयोग में इस पर आठ अगस्त को सुनवाई होनी है। यानी की आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग की प्रक्रिया रुक सकती है। दोनो ही गुट शिव सेना पर अपनी दावेदारी कर रहे है। महाराष्ट्र में उत्पन हुई स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट को फैसला देना है। सुप्रीम कोर्ट तय करेगा की एकनाथ शिंदे सरकार का गठन संवैधानिक तौर पर सही है या नही। Maharashtra news,