मुंबई: शिवसेना के प्रमुख संजय राउत और कंगना रनौत के बीच का विवाद अब बढ़ता जा रहा है। नतीजा ये है कि बीएमसी बुलडोजर लेकर कंगना के ऑफिस पहुंच गई और तोड़ने का काम शुरू कर दिया।
बीएमसी की इस कार्रवाई के खिलाफ कंगना रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने अर्जी दाखिल की। इस मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। बताया जा रहा है कि सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी और उद्धव सरकार को फटकार लगाई है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत की प्रॉपर्टी पर बीएमसी की तोड़फोड़ पर रोक लगाई है। यही नहीं, कंगना रनौत की याचिका पर कोर्ट ने बीएमसी से जवाब भी मांगा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा- आपकी कार्रवाई पूरी तरह अवैध है।
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आपको बता दें, बीएमसी ने कंगना रनौत के ऑफिस के नाम पहले एक नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में कंगना को 24 घंटे का वक्त दिया गया था।
इसके जवाब में कंगना ने सात दिन का समय मांगा था, लेकिन बीएमसी ने तुरंत कार्रवाई की और नया नोटिस लगाकर अवैध निर्माण गिराने की बात कह डाली।
#DeathOfDemocracy pic.twitter.com/cpv0A1TJjy
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 9, 2020
बीएमसी के अपने इस नए नोटिस में लिखा- ‘आपने (कंगना) हमारे पिछले नोटिस का जवाब नहीं दिया और ऑफिस में काम करवाना जारी रखा। कंगना के वकील ने सात दिन का समय मांगा था, लेकिन बीएमसी इससे संतुष्ट नहीं है।
आपको बता दें, कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी का कहना है कि उनकी क्लायंट कंगना की गैर हाजिरी में बंगले में बीएमसी के कर्मचारी जबरन घुसे, जो कि कानूनन गलत है और इसलिए कंगना की तरफ से बीएमसी के खिलाफ ट्रेसपासिंग और जवाबी कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया है, जिसके तहत बीएमसी के कर्मचारियों को जेल की सजा हो सकती है।