कोरोना महामारी से निपटने के लिए बूस्टर डोज अति आवश्यक, अमृत महोत्सव के दौरान मुफ्त डोज

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नूंह मेवात(कासिम खान)। कोरोना महामारी से निपटने के लिए बूस्टर डोज अति महत्वपूर्ण है, जिस इंसान ने कोरोना की दोनों डोज ले ली हैं, उसके बाद उन्हें बूस्टर डोज लेनी भी अति आवश्यक है। आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है, इस दौरान जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर नवीन यादव ने बताया कि पहली डोज 779627 लोगों को तथा दूसरी डोज 441105 लोगों को दी जा चुकी है। लेकिन इसके मुकाबले बूस्टर डोज काफी कम लगी है, 5257 लोगों को ही बूस्टर डोज लग पाई है। पहले यह 9 महीने के बाद लगती थी, लेकिन सरकार के नए दिशा निर्देश के अनुसार बूस्टर डोज दूसरी डोज के 6 महीने के बाद लगाने की हिदायत दी गई है।            Booster dose, 

इसको गति देने के लिए सरकार दो नए कार्यक्रम लेकर आई है। पहला ‘हर घर दस्तक अभियान’, जो पूरे जुलाई महीने में चलाया गया था। और अभी भी चल रहा है जिसमें घर-घर जाकर लोगों को समझाया जा रहा हैं और उन्हें बूस्टर डोज की अहमियत और इसके फायदे के बारे में बताया जा रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बूस्टर डोज लगवाने के लिए सामने आ सकें। जिला टीकाकरण अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है की अमृत महोत्सव के दौरान आने वाले 75 दिनों के अंदर सरकार की तरफ से यह डोज मुफ्त लगाई जाएगी।                                              Booster dose, 

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इसके लिए शिक्षा विभाग तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। और कैम्प भी आयोजित किए गए हैं। बूस्टर डोज के बारे में छात्रों को भी समझाया जा रहा है और इसके लाभ बताए जा रहे हैं। राजनीतिक और धार्मिक लोगों से भी आग्रह किया है कि वह लोगों को ज्यादा से ज्यादा समझाएं ताकि बूस्टर डोज लगवाने के लिए लोगों को आगे लाया जा सके। उन्होंने कहा कि मोबिलाइजर मित्र व आशा वर्कर इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक बूस्टर लगवाने के लिए लोग इसलिए नहीं आ रहे हैं क्योंकि उन्हें कहीं ना कहीं इस टीकाकरण को लेकर भ्रम है। उनको लगता है कि इससे कोई लाभ नहीं होगा, लेकिन अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए बूस्टर डोज लगवाना अति महत्वपूर्ण है। जो दो डोज लगी हैं वह हमेशा शरीर में इम्यूनिटी बनाकर नहीं रख सकती, इसीलिए बूस्टर डोज लगाई जा रही हैं।                                                Booster dose, 

डॉक्टरों ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है और कोरोना केस सामने आ रहे हैं। लेकिन टीकाकरण कराने की वजह से इतनी बड़ी संख्या में अब केस सामने नहीं आ रहे हैं। शरीर में जो पहली व दूसरी खुराक के बाद इम्युनिटी आई है, वह जीवन भर नहीं रह सकती। इसीलिए बूस्टर डोज का प्रावधान लाया गया है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने कहा कि 12 साल से अधिक आयु के बच्चों, महिलाओं, पुरुषों सभी को बूस्टर डोज लगाई जा रही। बूस्टर डोज ले चुके लोगों का कहना है की बूस्टर डोज उसने 9 माह बाद लगवाई थी, जो लोग कोविड टीका को लेकर अफवाह फैला रहे हैं, वह सरासर गलत है। उन्हें बूस्टर डोज लेने के बाद किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने जनता से अपील भी की है कि अधिक से अधिक संख्या में लोग बूस्टर डोज लगवाएं।                                  Booster dose, 

वहीं टीका लेने वाले व्यक्ति ने कहा कि डोज लेने के बाद शरीर में इम्युनिटी बनती है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगवाना चाहिए। इसके अलावा बूस्टर डोज लगवाने वाले इनामुल हसन इत्यादि का कहना है कि कोरोना वैक्सीनेशन के दोनों डोज लेने के बाद उन्होंने बूस्टर डोज ली। पहले खुराक के बाद हल्का सा बुखार हुआ था, लेकिन पीसीएम टेबलेट लेने के बाद कोई दिक्कत नहीं हुई। बूस्टर डोज लगवाने के बाद उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई, लिहाजा सभी लोग बूस्टर डोज लें और देश का साथ दें ।

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