प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के भाजपा में विलय होने की चर्चाओं के बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए कैप्टन अमरिंदर सिंह को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बना सकता है
कैप्टन इन दिनों इलाज के लिए विदेश गए हुए हैं। उनके जल्द ही लौटने की संभावना है। अमरिंदर सिंह लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे। 2002 से 2007 व 2017 से सितंबर 2021 तक वह पंजाब के सीएम रहे। अपने सीएम के दूसरे कार्यकाल से कुछ महीने पहले पार्टी में नवजोत सिंह सिद्धू की एंट्री के बाद कैप्टन के लिए पार्टी में स्थितियां असहज हो गई।
पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी और उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस के नाम से पार्टी का गठन किया। कैप्टन की पार्टी ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। हालांकि चुनाव में आम आदमी पार्टी की लहर के कारण कैप्टन की पार्टी ने कोई सीट नहीं जीती। कैप्टन खुद भी चुनाव हार गए।
भले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी ने चुनाव में कोई करिश्मा नहीं दिखाया, लेकिन कैप्टन की फैन फालोइंग कम नहीं है। कैप्टन फौज से रिटायर हैं। उन्हें एक कड़क नेता व हार न मानने वाला फौजी माना जाता है। कैप्टन ऐसे नेता रहे हैं जो गलत को गलत कहना जानते हैं।
बीजेपी से नजदीकियों के कारण अब कैप्टन को उपराष्ट्रपति पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। चर्चाये है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को उपराष्ट्रपति बनाकर बीजेपी सिख कार्ड खेल सकती है। पार्टी की निगाह वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव पर है। कैप्टन को उपराष्ट्रपति बनाकर भाजपा सिखों के बीच अपनी पैठ मजबूत कर सकती है।
वर्तमान उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त 2022 को समाप्त हो रहा है। कैप्टन की पार्टी का भाजपा में विलय होने की चर्चाओं ने कैप्टन की उपराष्ट्रपति की दावेदारी को जन्म दिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह दो बार पंजाब के सीएम रह चुके हैं।
Read Also हरियाणा में खत्म होगा बिजली संकट, सरकार उठा रही खास कदम
चर्चाये है कि बीजेपी कैप्टन के सहारे पंजाब को साधने की कोशिश कर रही है। खासकर सिख समुदाय से नजदीकी बढ़ाने के लिए बीजेपी हर दांव खेल रही है। प्रधानमंत्री मोदी सिख शख्सियतों से मिल रहे हैं। वहीं, लाल किले में श्री गुरु तेग बहादुर जी का प्रकाश उत्सव भी मनाया जा चुका है।
कैप्टन पंजाब के सियासी दिग्गज हैं। शहरों से लेकर गांवों तक हर जगह वह चर्चित नेता हैं। इसलिए कैप्टन के सहारे 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी पंजाब को बड़ा राजनीतिक मैसेज देना चाहती है।कृषि सुधार कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन के चलते सिख बीजेपी से नाराज चल रहे हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव का एलान हो चुका है। इसके लिए पांच जुलाई को नोटिफिकेशन जारी होगा। 19 जुलाई को नामांकन की आखिरी तिथि तय की गई है और छह अगस्त को वोटिंग होगी। हालांकि कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि द्रौपदी मुर्मू की तरह की उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के नाम से भी बीजेपी सबको चौंका सकती है।