श्रीनगर: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने जम्मू कश्मीर में 40 से अधिक स्थानों पर अनिवासियों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर हजारों शस्त्र लाइसेंस जारी करने के आरोप से संबंधित मामले में शनिवार को छापे मारे।
इसमें जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी के आवास भी शामिल हैं। एजेंसी ने अब तक इन छापों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन पुष्टि की है कि यह अभियान 2019 में दर्ज एक मामले के संबंध में चलाया जा रहा है।
आरोप है कि 2012 और 2016 के बीच जम्मू कश्मीर के अलग-अलग जिलों के उपायुक्तों ने धन के लालच में फर्जी और अवैध रूप से थोक में शस्त्र लाइसेंस जारी किया था।
Arms licence case : The Central Bureau of Investigation (CBI) is raiding the residence of former Deputy Commissioner, Srinagar. Inputs that another IAS officer also on radar.
— kamaljit sandhu (@kamaljitsandhu) July 24, 2021
इससे पहले सीबीआई ने कुपवाड़ा, उधमपुर, किश्तवाड़, शोपियां, राजौरी,डोडो, पुलवामा और कुछ अन्य जगहों के तत्कालीन जिलाधिकारियों और मजिस्ट्रेटों के परिसरों पर दिसंबर 2019 में श्रीनगर, जम्मू, गुरुग्राम और नोएडा समेत एक दर्जन जगहों पर छापेमारी की थी।
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सीबीआई ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के विभिन्न जिलों में वहां के जिलाधिकारियों और मजिस्ट्रेट द्वारा कथित तौर पर लगभग दो लाख शस्त्र लाइसेंस जारी करने से संबंधित दो मामलों की जांच के सिलसिले में तलाशी ली थी।
आरोप है कि रित के बदले में गैर कानूनी रूप से ये शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए। आरोप है कि तत्कालीन लोक सेवकों ने अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर राज्य के गैर निवासियों को नियमों का उल्लंघन कर शस्त्र लाइसेंस जारी किया और रिश्वत ली।
राजस्थान आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 2017 में इस घोटाले का खुलासा किया था और अवैध रूप से शस्त्र लाइसेंस जारी करने में संलिप्तता के आरोप में 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था।
एटीएस के अनुसार, कथित रूप से सेना के जवानों के नाम पर 3,000 से अधिक परमिट दिए गए थे। एटीएस के निष्कषरें के आधार पर, जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल एन एन वोहरा ने मामले में जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया था।