Climate Change: पिछले कुछ महीने से देश के हर कोने में लोगों ने भीषण गर्मी का दौर देखा या यूं कहें की झेला। इस साल की गर्मी ने सालों का रिकॉर्ड भी तोड़ा है। ऐसे में जो सबसे बड़ा प्रश्न उठता है वो ये है कि क्या जलवायु परिवर्तन आज के समय में विश्व भर में मौजूद अनेकों प्रजातियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्या इसका असर प्रजातियों के विलुप्त होने के तौर पर देखा जा सकता है?
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बता दें, जलवायु परिवर्तन को लेकर वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में इस बात की चेतावनी दी गई है कि आने वाले दिनों में जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया की कई प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार विश्व भर से लगभाग 3,722 प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। इन प्रजातियों में सरीसृप, उभयचर, पक्षी और स्तनधारी जीव भी शामिल हैं। ये प्रजातियां ऐसी जगहों पर पाई जाती हैं जहां पर भूकंप, सुनामी, तूफान और ज्वालामुखी जैसी आपदाओं के आसार अधिक हैं।
दरअसल, शोधकर्ताओं ने लगभग 34 हजार से ज्यादा प्रजातियों का अध्धयन किया है, जिनमें से लगभग 10 प्रतिशत प्रजातियां प्राकृतिक आपदा के कारण खतरे में हैं। जबकि 5.4 प्रतिशत प्रजातियों पर खतरा मंडरा रहा है। आपदाओं के कारण ये प्रजातियां अधिक खतरे में हैं। तूफान की वजह से लगभग 983 प्रजातियां संकट में हैं। भूकंप और सुनामी की वजह से 1140 प्रजातियां खतरें में हैं। 171 प्रजातियां ज्वालामुखी आपदा से प्रभावित हैं और 400 से अधिक प्रजातियां ऐसी हैं जो मानव हस्तक्षेप के कारण विलुप्त होती जा रहीं है।
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पहले ही पूरे विश्व से बहुत सारी प्रजातियां विलुप्त हो चुकीं हैं। ऐसे में शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रजातियों का इतनी अधिक मात्रा में विलुप्त होने से पारिस्थितिकी तंत्र पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ेगा। ऐसा होने से परस्पर क्रियाओं के तालमेल के बिगड़ने के आसार अधिक हैं। इसकी वजह से न केवल प्रजातियों में गिरावट आएगी बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र के कामों को भी नुकसान होगा।