दिल्ली। (रिपोर्ट- तरुण कालरा) मोदी सरकार द्वारा रविवार को राज्यसभा में भी सारे विपक्ष के विरोध के बावजूद कृषि बिल को पास करा लिया गया। वहीं कृषि बिल के खिलाफ कांग्रेस बेहद आक्रामक हो गई है। राहुल गांधी ने विधेयक को मौत का फरमान बताते हुए पूरी कवायद को लोकतंत्र को शर्मिंदा करना करार दिया है। कांग्रेस ने भी मामले में अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है।
कांग्रेस ने संसद से कृषि संबंधी विधेयकों को मंजूरी मिलने के बाद इन्हें किसानों के खिलाफ मौत का फरमान करार दिया है और दावा किया है कि नियमों एवं संसदीय परंपराओं की अहवेलना करके इन विधेयकों को मंजूरी दिलाई गई। कांग्रेस ने यह भी कहा कि लोकतंत्र विरोधी और असंसदीय व्यवहार के लिए विपक्षी दल राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, जो किसान धरती से सोना उगाता है, मोदी सरकार का घमंड उसे ख़ून के आंसू रुलाता है। राज्यसभा में आज जिस तरह कृषि विधेयक के रूप में सरकार ने किसानों के खिलाफ मौत का फरमान निकाला है, उससे लोकतंत्र शर्मिंदा है।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, कि ये भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है। जिस तरह से सरकार ने किसान विरोधी विधेयक पारित कराया है, वह नियम और परंपरा के विरूद्ध है। सरकार ने स्थापित संसदीय प्रक्रियाओं, नियमों और परंपराओं को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा, की विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि इन विधेयकों को पारित कराने के लिए लोकतंत्र विरोधी और असंसदीय व्यवहार करने के लिए राज्यसभा के उप सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। उनका व्यवहार सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन के दायरे में आता है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया, कि प्रधानमंत्री देश से झूठ बोल रहे हैं और वह किसान विरोधी हैं। वह खेती पर आक्रमण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीनों विधेयकों को किसान के पक्ष में बताया है। मोदी जी बताइए कि किसान को एमएसपी कौन और कैसे देगा? क्या एफसीआई 15.50 करोड़ किसानों के खेत से एमएसपी पर फसल ख़रीद सकती है? आपने क़ानून में एमएसपी पर फसल ख़रीद की गारंटी क्यों नहीं दी? क्या आढ़ती-मज़दूर फसल बेचने में मददगार है, या बंधन? अगर बड़े- बड़े पूँजीपतियों ने MSP से कम रेट पर किसान की फसल ख़रीदी तो MSP देने की गारंटी क्या है?
सुरजेवाला ने कहा कि यह कुरुक्षेत्र है जिसमें सरकार कौरव और किसान पांडव हैं। हम इस धर्मयुद्ध में पांडवों के साथ खड़े हैं। अब नीतीश कुमार, अकाली दल, टीआरएस और जजपा को तय करना है कि वे पांडवों के साथ हैं या फिर कौरवों के साथ हैं।
राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि सरकार को अंतरात्मता में झांककर पूछना चाहिए कि इस तरह के विधेयक पारित कराकर और मतदान नहीं कराकर क्या सही काम किया है। संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी। बिल के संसद से पास हो जाने के बाद कांग्रेस जमीनी आंदोलन छेड़ने की कोशिशों में जुट गई है।