राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर आज से शुरू हो गया है। शिविर में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस के सभी बड़े नेता और कार्यकर्ता उदयपुर पहुंचे हैं। राहुल गांधी भी कई नेताओं के साथ चेतक एक्सप्रेस ट्रेन से उदयपुर पहुंचे और वहां से बस से शिविर स्थल तक पहुंचे।
जानकारी के मुताबिक इस चिंतन शिविर में कांग्रेस के करीब 430 प्रतिनिधि शामिल होंगे। कार्यक्रम की शुरूआत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संबोधन के साथ होगी। तीन दिन तक चलने वाले शिविर में कांग्रेस नेता देश के कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे और जो प्रस्ताव तैयार होगा उसपर 15 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मुहर लगाई जाएगी।
इससे पहले गुरूवार को कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस की थी। प्रेस कांफ्रेंस में सुरजेवाला ने कहा था कि चिंतन शिविर में पार्टी आगे की रणनीति पर अहम चर्चा करेगी। रणदीप सुरजेवाला ने आगे कहा कि कांग्रेस अपनी विचारधारा को कभी नहीं छोड़गी। हमारी कुर्बानी की परंपरा हैं। कांग्रेस की विचारधारा सर्व धर्म समभाव समावेश की भावना है।
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उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा और अहम फैसले लिए जाने की भी संभावना है। 2019 में हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बन गई। कांग्रेस चिंतन शिविर में राजनीतिक प्रस्ताव के तहत देश में ध्रुवीकरण के माहौल, राष्ट्रीय सुरक्षा, केंद्र–राज्य संबंध, जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के मुद्दे के साथ ही गठबंधन पर चर्चा होगी। मंथन के बाद जो प्रस्ताव तैयार किया जाएगा उस पर 15 मई की सुबह सीडब्ल्यूसी की बैठक मुहर लगाई जाएगी। दोपहर बाद राहुल गांधी का भाषण होगा और फिर पार्टी अध्यक्ष के समापन भाषण के बाद पार्टी चिंतन शिविर के संकल्पों का ऐलान किया जाएगा। कांग्रेस चिंतन शिविर में राजनीतिक प्रस्ताव के तहत देश में ध्रुवीकरण के माहौल, राष्ट्रीय सुरक्षा, केंद्र–राज्य संबंध, जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के मुद्दे के साथ ही गठबंधन पर चर्चा होगी। मंथन के बाद जो प्रस्ताव तैयार किया जाएगा उस पर 15 मई की सुबह सीडब्ल्यूसी की बैठक मुहर लगाई जाएगी। दोपहर बाद राहुल गांधी का भाषण होगा और फिर पार्टी अध्यक्ष के समापन भाषण के बाद पार्टी चिंतन शिविर के संकल्पों का ऐलान किया जाएगा। बैठक में एक्शन प्लान मुख्य फोकस में रहेगा, कैसे पार्टी की मजबूती को लेकर कदम उठाए जाएं इस पर मुख्य फोकस होगा।इसका मुख्य लक्ष्य 2024 का चुनाव होगा।