रोहतक । (रिपोर्ट- देवेंद्र शर्मा) कई राज्यों में रावण के पुतले बनाने वाले कारीगर कोरोना महामारी के चलते अब भूखे मरने की कगार पर आ चुके हैं। बेरोजगारी और लाचारी के कारण फबक-फबक कर रोने को मजबूर हो चुके है। हर साल 50 से ज्यादा पुतले बनाने वाले राजू रावण के पास इस साल कोई काम नही है, कारण है कोरोना महामारी।
आपको बता दें, दशहरे और रामलीला के लिए हजारों लाखों पुतले बना चुके राजू रावण ने कभी रावण दहन नहीं देखा । राजू रावण का कहना है कि हर घर में रावण है किस किस को दहन करोगे। कोरोना महामारी के कारण लोगों की भीड़ न बढ़े इसलिए इस साल रावण के पुतले बनाने का एक भी ऑर्डर नहीं मिला है।
पीढ़ी दर पीढ़ी रावण के पुतले बनाते बनाते रावण नाम से मशहूर राजू रावण ने कभी सोचा भी नही था कि कोरोना महामारी उनको एक एक निवाले के लिए भी मोहताज कर देगी। हर साल 40 से 50 रावण के पुतले बनाने वाले राजू रावण के पास इस साल कोई काम नही है, वजह है कोरोना महामारी। दरअसल, रोहतक के बाबरा बाजार में रहने वाले राजू रावण की कई पीढियां रावण, मेघनाथ ओर कुंभकर्ण के पुतले बनाती आई हैं, हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में पुतले बनाने का काम करते है, लेकिन इस साल कोरोना महामारी ऐसी फैली की राजू रावण बेरोजगार हो गए और खाने तक के लाले पड़ गए हैं। इस साल कोरोना के कारण भीड़ न बढ़े इस अंदेशे के तहत किसी ने भी इस साल पुतले बनाने का ऑर्डर नहीं दिया, जबकि हर साल 50 से 70 पुतले बनाने के ऑर्डर अलग-अलग राज्यों से आते थे।
इसके दूसरी ओर बचपन से रावण के पुतले बनाने वाले राजू रावण का कहना है हमारी कई पीढियां रावण के पुतले बनाती आईं हैं जिसके चलते मेरा नाम भी रावण पड़ गया है। उन्होंने कहा पिछले 40 सालों से मैं भी रावण के पुतले बना रहा हूं लेकिन इस साल कोई ऑर्डर नहीं मिला। राजू रावण ने कहा कि आज तक इतने पुतले बनाए लेकिन कभी भी कोई परेशानी नहीं आई, इतना कहकर राजू रावण फबक-फबक कर रोने लगे।
गौरतलब है, राजू रावण वाला के पास इस साल ऑर्डर इसलिए नहीं आ रहे क्योंकि कोरोना के चलते किसी भी बड़े आयोजन पर रोक लगी हुई है। क्योंकि भीड़ बढ़ने से संक्रमण का खतरा होता है। इसलिए जब तक रावण दहन कार्यक्रमों को सरकार की ओर से अनुमति नहीं मिलती, तब तक राजू रावण के पास कोई ऑर्डर नहीं आने वाला है।