दुनिया में रूस ऐसा पहला देश बन गया है जिसने कोरोना वायरस की वैक्सीन को आम नागरिकों के लिए जारी किया है। रूस ने अपने देश के नागरिकों के लिए स्पूतनिक-5 नाम की वैक्सीन को जारी किया है। रूस की इस वैक्सीन का तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल इस हफ्ते ही शुरू हो रहा है।
खास बात ये है कि कोरोना वायरस से जब पूरी दुनिया परेशान है ऐसे में रूस की ये वैक्सीन अगर सही तरीके से काम करती है तो इसका सीधा फायदा दुनिया भर में करोड़ों लोगों को होगा। वहीं भारत के नजरिये से बात की जाए तो रूस और भारत की पुरानी दोस्ती के कारण रूस की इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल इस महीने से भारत में भी शुरू हो सकता है। वैक्सीन बनाने के लिए फंड मुहैया कराने वाली एजेंसी रशियन डॉयरेक्ट इनवेस्ट फंड के सीईओ किरिल दिमित्रिज ने कहा कि इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल भारत समेत यूएई, सऊदी अरब, फिलीपींस और ब्राजील में इस महीने से शुरू हो जाएगा। वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल का प्राइमरी रिजल्ट अक्टूबर–नवंबर में जारी कर दिया जाएगा। इस कोरोना वैक्सीन को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को लॉन्च किया था। इस वैक्सीन को मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर एडेनोवायरस को बेस बनाकर तैयार किया है। रशियन डॉयरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने अपने बयान में कहा है कि इस वैक्सीन का उत्पादन भारत, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, सऊदी अरब, तुर्की और क्यूबा में किया जाएगा।
रूस की वैक्सीन सामान्य सर्दी जुखाम पैदा करने वाले एडिनोवायरस पर बेस है। इस वैक्सीन को आर्टिफिशल तरीके से बनाया गया है। यह कोरोना वायरस SARS-CoV-2 में पाए जाने वाले स्ट्रक्चरल प्रोटीन की नकल करती है जिससे शरीर में ठीक वैसा इम्यून रिस्पॉन्स पैदा होता है जो कोरोना वायरस इन्फेक्शन से पैदा होता है। यानी कि एक तरीके से इंसान का शरीर ठीक उसी तरीके से प्रतिक्रिया देता है जैसी प्रतिक्रिया वह कोरोना वायरस इन्फेक्शन होने पर देता लेकिन इसमें उसे COVID-19 के जानलेवा नतीजे नहीं भुगतने पड़ते हैं।
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