नई दिल्ली (संजय वर्मा की रिपोर्ट)– कहावत है पहाड़ से गिरे खजूर पर अटके… ऐसा ही कुछ हुआ है तमिलनाडु के लोगों के साथ वेस्ट अफ्रीका में काम करने गए। वहां 7 महीने काम किया लेकिन काम के पैसे नहीं मिले तो बमुश्किल भारत लोटे तो यहां आकर एजेंट से टिकट बनवा कर लूट गये। एक-एक टिकट के ₹4000 रेलवे एजेंट को दिए लेकिन एजेंट को दिए चेन्नई की टिकट के लिए एजेंट ने टिकट बना कर दी। विजयवाड़ा की एजेंट ने खुद इनको ट्रेन तक बिठाया लेकिन जब टीटी आया और टीटी को टिकट दिखाएं तो टीटी ने बताया यह ट्रेन विजयवाड़ा जाएगी चेन्नई नहीं तो इनके होश फाख्ता हो गए।
आनन-फानन में इन्होंने तिलक ब्रिज पर गाड़ी की चेन पुलिंग कर सभी उतर गए पहले ही विदेश में काम के नाम पर इनको ठगा गया था और अब जब दिल्ली आए और दिल्ली से चेन्नई जाना था तो भी यहां पर भी इनके साथ एजेंट ने ठगी कर ली । इसकी शिकायत इन्होंने नई दिल्ली आरपीएफ थाने में दी। आरपीएफ थाने ने इनकी शिकायत के बाद मामला दर्ज कर लिया और आरोपियों को गिरफ्तार भी किया लेकिन अब सबसे बड़ी समस्या इनके साथ यह थी कि अब यह लोग चेन्नई कैसे जाएं ? जो पैसे बचे थे वह सब एजेंट को दे दिए।
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यह कोई पहला मामला नहीं है जब एजेंट लोगों के साथ टिकट बुकिंग के नाम पर इस तरह की घपले बाजी करते हैं। कई बार रेलवे पुलिस भी इन एजेंटोंं को पकड़ती है लेकिन उसके बावजूद लगातार टिकट के नाम पर इस तरह का गोरखधंधा लगातार रेलवे मैं चल रहा है। पुलिस ने कार्यवाही के नाम पर खाली लीपापोती कर आरोपियों को तो पकड़ लिया लेकिन आखिर कब तक रेलवे टिकट के नाम पर एजेंट लोगों को इस तरह से लूटते रहेंगे ???