COVAXIN Updates- भारत की कोरोना वैक्सीन को दूसरे चरण के ट्रायल की मिली अनुमति

रोहतक। (रिपोर्ट- देवेंद्र शर्मा) दुनियाभर में कोरोना वायरस के मचे हाहाकार से निपटने के लिए कोरोना वैक्सीन बनाने का काम लगातार जारी है और जो वैक्सीन बनी हैं उनके ट्रायल भी चल रहे हैं। वहीं देश में भारत बायोटेक द्वारा इजात की गई स्वदेशी कोरोना वैक्सीन यानी कोवैक्सीन के हरियाणा के रोहतक पीजीआइएमएस में चले ट्रायल के प्रथम चरण की सफलता के बाद ट्रायल टीम को दूसरे चरण के ट्रायल की अनुमति मिल गई है।

आपको बता दें, देश में बनने वाली पहली कोरोना वैक्सीन यानी कोवैक्सीन के प्रथम चरण में मिली सफलता के बाद अब ट्रायल करने वाले डॉक्टरों की टीम को दूसरे चरण के ट्रायल के लिए अनुमति मिल गई है। जिसके बाद रोहतक के पंडित बीडी शर्मा पीजीआइएमएस में दूसरे चरण के ट्रायल के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और आज वॉलिंटियर की स्क्रीनिंग की गई है। इसके बाद वॉलिंटियर को वैक्सीन की डोज दी जाएगी। दूसरे चरण में वॉलिंटियर की उम्र 12 से 65 वर्ष रखी गई है जिन्हें 3 माइक्रोग्राम और 6 माइक्रोग्राम वैक्सीन दी जाएगी । क्योंकि इसी डोज ने प्रथम चरण में वॉलिंटियर की एंटीबॉडी 4 गुना तक बढ़ाई थी। दूसरे चरण की प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए ट्रायल टीम ने पूरी तैयारी कर ली है ।

कोवैक्सीन ट्रायल के दूसरे चरण की अनुमति मिलने के बाद पंडित बीडी शर्मा पीजीआइएमएस के उपकुलपति डॉक्टर ओपी कालरा ने जानकारी देते हुए बताया है कि पहले चरण में 375 वालंटियर को वैक्सीन दी गई थी, जिसमें पीजीआईएमएस रोहतक ने देश के अन्य संस्थानों के मुकाबले सबसे ज्यादा वॉलिंटियर्स पर वैक्सीन का इस्तेमाल किया था। इन सभी वॉलिंटियर्स में दो या तीन वॉलिंटियर को छोड़कर सभी वॉलिंटियर के परिणाम संतोषजनक रहे हैं। 4 ग्रुपों में वॉलिंटियर को वैक्सीन दी गई थी, जिसमें सबसे सफल 3 माइक्रोग्राम और 6 माइक्रोग्राम वैक्सीन की डोज रही है इसी डोज की मात्रा ने वॉलिंटियर कि एंटीबॉडी 4 गुना तक बढ़ा दी थी । इसी सफलता के बाद अब टीम दूसरे चरण की तरफ बढ़ गई है।

उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में वॉलिंटियर की उम्र 12 से 65 वर्ष रखी गई है। इसमें चरण में उन लोगों को भी शामिल किया जाएगा जिन लोगों को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और दमा है लेकिन वह कंट्रोल में होना चाहिए। आज इच्छुक लोगों को स्क्रीनिंग के लिए पीजीएमएस में बुलाया गया था और उनके कोविड सहित अन्य टेस्ट किए गए हैं। इसके बाद को वैक्सीन की डोज दी जाएगी और लगातार इन वॉलिंटियर पर डॉक्टरों की टीम नजर रखेगी। इसके साथ ही वॉलिंटियर का पहले दिन 28वें दिन 42 वें दिन 56 वें दिन 198वें दिन और 208 वेंदिन एंटीबॉडी टेस्ट किया जाएगा। जिसके परिणाम मिलने के बाद कोवैक्सीन की सफलता के बारे में बताया जा सकता है। साथ-साथ उन्होंने बताया की मनुष्य के अलावा को वैक्सीन का कुछ पशुओं पर भी टेस्ट निरंतर जारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह से प्रथम चरण में डॉक्टरों की टीम को सफलता मिली है दूसरे चरण में भी डॉक्टर ट्रायल में सफल होंगे और जल्द ही कोवैक्सीन लोगों के इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाएगी।

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