सिरसा(सतनाम सिंह)। मानसून के सीजन में सिरसा जिला में इस बार खूब बारिश हुई है जहां बारिश से लोगों को तपती गर्मी से छुटकारा मिला है। वहीं यह बारिश आम लोगों के साथ साथ किसानों के लिए भी आफत बनकर सामने आई है। दरअसल किसानों के खेतों में पिछले कई दिनों से बरसाती पानी जमा हो गया है। किसानों के खेतों में बरसाती पानी की निकासी का कहीं पर भी कोई प्रबंध नहीं है, इस वजह से किसानों के खेतों में खड़ी नरमे की फसल खराब होने की स्थिति में पहुंच गई है। किसानों के मुताबिक कपास, ग्वार, बाजरा को भी थोड़ा बहुत नुकसान हुआ है। Haryana ki khabren,
किसानों का कहना है कि ज्यादा बरसात की वजह नरमे की फसल को बहुत नुकसान पहुंचा है। किसानों ने अब सरकार से ख़राब हुई फसलों के मुआवजे की मांग की है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार सिरसा जिला में जुलाई महीने में 64 मिलीमीटर बारिश हुई है। कृषि विभाग के अनुसार इस बारिश से केवल नरमे की फसल को नुकसान होने की संभावना ज्यादा है इसके अलावा धान, ग्वार, बाजरा की फसल को इस बारिश से फायदा मिलने की उम्मीद है।
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सिरसा जिला में पिछले कई दिनों से झमाझम बारिश हो रही है। मानसून के शुरूआती सीजन में जहां बारिश होने से किसान खुश दिखाई दे रहे थे वहीं पिछले कई दिनों सेलगातार हो रही झमाझम बारिश ने किसानों की भी नींद उड़ा दी है क्योंकि किसानों के खेतो में पानी जमा हो गया है। हालांकि बारिश किसानों के कुछ फसलों के लिए वरदान के रूप में साबित भी हो रही है लेकिन खेतों में जमा बरसाती पानी की वजह से किसानों के नरमे की फसल को नुकसान हो रहा है। किसानों ने अब हरियाणा सरकार से स्पेशल मुआवजे की मांग की है। Haryana ki khabren,
कृषि विभाग के उप कृषि निदेशक बाबूलाल का कहना है कि मानसून के सीजन को देखते हुए इस जुलाई महीने में 64 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस बारिश से धान, ग्वार, बाजरा की फसल को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसानों के खेतों में बरसाती पानी जमा है, इसलिए नरमे की फसल को ज्यादा नुकसान होने की सूचना मिली है। उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसान जल्द से जल्द अपने खेतों में बरसाती पानी की निकासी का प्रबंध करें ताकि उनकी नरमे की फसल को नुकसान कम से कम हो सके।