क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन पड़ सकता है महंगा, बिना वारंट हो सकती है डेढ़ साल तक की जेल

नई दिल्ली: संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सख्त कानून बना सकती है। इस कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करने पर गैर जमानती धाराओं में बिना वारंट गिरफ्तारी कर जेल भेजा जा सकता है, साथ ही 20 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया जायेगा।

एक अधिकारी ने कहा कि संसद में पेश होने वाले बिल के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री, जमा करने या होल्ड करने का काम सिर्फ एक्सचेंज के जरिये ही किया जा सकेगा। और किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर गैर ज़मानती वारंट पर गिरफ्तारी भी हो सकती है। इस मामले में सरकार डेढ़ साल की सजा और 20 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाने का नियम भी बना सकती है।

सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी के अंधाधुंध विज्ञापनों पर भी रोक लगाने की तैयारी कर ली है, ऐसा इसीलिए क्योंकि इससे निवेशकों को गलत जानकारी देकर उकसाने की शिकायतें सामने आयी हैं। बिल में क्रिप्टोकरेंसी को होल्ड करने वाले वॉलेट पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है और यह काम सिर्फ एक्सचेंज के जरिये करने की छूट होगी। अनुमान के मुताबिक, करीब दो करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टोकरेंसी में 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया हुआ है।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बनने वाले कानून में सरकार निवेशकों को संपत्ति की घोषणा करने और नए नियमों का पालन करने के लिए पर्याप्त समय दे सकती है। इससे स्पष्ट है कि सरकार की मंशा इस पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाए नियमन करने की है। बिल में क्रिप्टोकरेंसी के बजाए क्रिप्टोएसेट शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा भी तय की जाएगी।

देश में क्रिप्टोकरेंसी का आधार लगातार बढ़ता जा रहा है इसीलिए सरकार निवेशकों को इन जोखिमों से बचने की तैयारी में लगी है। चेनालिसिस की अक्तूबर में जारी रिपोर्ट के अनुसार, जून 2021 तक भारत में क्रिप्टो का बाजार 641 फीसदी बढ़ चुका है।

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