नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के दौरान अपने कर्तव्य निर्वहन में विफल रहने के लिए कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
पिछले साल उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों को लेकर एक दायर एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट को फटकार लगाते हुए जुर्माना लगाया है।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक संशोधन याचिका को खारिज करते हुए निर्देश दिए कि, मोहम्मद नासिर की एक अलग प्राथमिकी दर्ज की जाए।
मोहम्मद नासिर दिल्ली दंगों में गंभीर तौर पर घायल हो गए थे। वहीं, कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, जांच एक हास्यास्पद और आकस्मिक तरीके से की गई थी।
दिल्ली पुलिस को उसके आचरण के लिए फटकार लगाते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा कि भजनपुरा के एसएचओ और अन्य पर्यवेक्षण अधिकारी अपने वैधानिक कर्तव्यों को निभाने में बुरी तरह विफल रहे हैं।
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हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने अलग एफआईआर में आरोपियों के बचने के लिए रास्ता बनाया और दुख की बात है। एडिशन सेशन जज विनोद यादव ने इस ऑर्डर की कॉपी दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को भी भिजवाई है।
उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच और निगरानी का स्तर पुलिस कमिश्नर की नजर में भी आना चाहिए। अदालत ने पुलिस कमिश्नर से कहा कि इस मामले को देखते हुए सुधार के लिए कदम भी उठाए जाएं।
अक्टूबर 2020 में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि मो. नासिर की शिकायत पर 24 घंटे के भीतर एफआईआऱ दर्ज की जाए।
नासिर को 24 फरवरी 2020 को उसके ऊपर फायरिंग की गई। एक गोली उसकी बाईं आंख में लगी थी। एसएचओ भजनपुरा को पिछले साल 19 मार्च को एक लिखित शिकायत की गई थी, जिसमें उन्होंने विशेष रूप से नरेश त्यागी, सुभाष त्यागी, उत्तम त्यागी, सुशील, नरेश गौर और अन्य को हमलावरों के रूप में नामित किया था, हालांकि, पुलिस द्वारा कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी।
आपको बता दें, CAA के विरोध-प्रदर्शनों के बीच उत्तर-पूर्व दिल्ली में पिछले साल 24 फरवरी को दंगे भड़के थे। इसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में 751 एफआईआर दर्ज की हैं।