राजधानी दिल्ली में मानसून की बारिश के बाद डेंगू का बढ़ता प्रकोप, अब तक 169 मामले

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दिल्ली(अनमोल कुमार सैन)। दिल्ली में मानसून की बारिश के बाद से ही डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, राजधानी में 2017 के बाद डेंगू के सबसे अधिक मामले अब तक सामने आ चुके है, जिसने दिल्ली के लोगों और निगम की चिताएं बढ़ा दी है, बीते एक सप्ताह में ही डेंगू के 10 नए मामले सामने आ चुके है, जिसके बाद इस वर्ष डेंगू के मरीजों की संख्या 169 तक पहुँच चुकी है।                                            Delhi ki taja khabre,

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामले और मंकीपॉक्स के मरीज मिलने के बाद डेंगू ने भी दिल्लीवालों को डराना शुरू कर दिया है। दिल्ली में 30 जुलाई 2022 तक डेंगू के 169 मामले सामने आ चुके हैं। दिल्ली में डेंगू की यह संख्या पिछले पांच सालो में सबसे ज्यादा है, जबकि इस साल मानसून की बारिश भी उतनी अच्छी नहीं हुई है। साल 2017 के बाद पहली बार दिल्ली में इतने मामले सामने आए हैं। इससे पहले 2017 में 185 मामले जुलाई महीने तक सामने आए थे। डेंगू के बढ़ते मामले के बीच दिल्ली नगर निगम ने कहा है कि मॉनसून में मच्छरों के चलते डेंगू के मामलों की संख्या बढ़ रही है, हालांकि इस साल अब तक एक भी डेंगू मरीज की मौत नहीं हुई है।

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दिल्ली में लगातार बढ़ते डेंगू के मामलों के बीच मानो ऐसा लग रहा है की नगर निगम डेंगू की रोकथाम के लिए सख्त कदम नही उठा पा रहा है, इसी साल दिल्ली में डेंगू के 169 मामलों की पु्ष्टि हो चुकी है। पिछले कुछ सालों की बात करें तो सन 2017 में 30 जुलाई तक दिल्ली में डेंगू के 185, 2018 और 2019 में 40 मामले, 2020 में 31 मामले और 2021 में 52 मामले सामने आए थे। वहीं, इस साल 30 जुलाई 2022 तक मलेरिया के भी कई मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल भी मलेरिया के 21 मामले सामने आए थे। वहीं, 2017 में 30 जुलाई तक मलेरिया के 171 मामले सामने आए थे।                                  Delhi ki taja khabre,

डॉक्टरों के अनुसार एडीस मच्छर के डंक मारने के बाद ही डेंगू होता है, वहीं इस बीमारी के लक्षण 3, 4 दिन बाद दिखने लगते हैं या फिर इससे अधिक समय भी लग सकता है। डेंगू को नजरअंदाज न करे, क्योंकि इसमें दो बुखार बेहद खराब माने जाते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि डेंगू में तीन तरह के बुखार जैसे की क्लासिकल डेंगू फीवर, डेंगू हैमरेजिक फीवर, डेंगू शॉक सिंड्रोम होते है। इन तीनों में से सबसे ज्यादा खराब डीएचएफ और डीएसएस होता है। क्योंकि इससे ग्रस्त मरीज को अगर जल्द ही हॉस्पिटल में एडमिट नहीं कराया गया तो उसकी मौत हो सकती है। लेकिन अगर पहले ही सावधानी बरती जाए, और अपने आस पास पानी इकट्ठा न होने दिया जाए तो सम्भव ही जलजनित सभी बीमारियों से बचा जा सकता है।                                Delhi ki taja khabre,

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