उत्तराखंड में इस साल चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को अब वीआईपी दर्शन की सुविधा नहीं मिलेगी। किसी भी वीआईपी को अब आम तीर्थयात्री की ही तरह दर्शन करने होंगे। वीआईपी दर्शन की सुविधा खत्म करने को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी भक्तों के लिए प्रसिद्ध हिमालयी मंदिरों में पूजा करने के लिए एक समान प्रणाली शुरू की जानी चाहिए।
चार धाम यात्रा पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में, धामी ने कहा कि भक्तों की भारी आमद को देखते हुए, हिमालय के मंदिरों में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को समाप्त किया जाना चाहिए।
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केदारनाथ धाम के कपाट छह मई को जबकि बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आठ मई को खुले थे। सीएम धामी ने कहा कि बीते समय में यात्रा में जितने लोगों की मृत्यु हुई है, वह यात्रा में अव्यवस्था एवं भगदड़ मचने से नहीं बल्कि स्वास्थ्यगत कारणों से हुई हैं। गौरतलब है कि चार धाम की यात्रा मार्ग पर अब तक 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है जिनमें से अधिकतर की मृत्यु का कारण दिल का दौरा पड़ना रहा है। मुख्यमंत्री ने यात्रा पर आने वाले नौजवानों से अनुरोध किया कि वे पहले बुजुर्ग एवं महिलाओं को दर्शन करने का मौका दें।
तीन मई को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक तीन लाख से अधिक श्रद्धालु चार धाम के दर्शन कर चुके हैं।