DMRC-Driverless Train: क्या आपने कभी बिना ड्राइवर के कोई ट्रेन चलते देखी है। अगर नहीं तो दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर बिना ड्राइवर के मैट्रो चलते देख हैरान न होइएगा। क्योंकि सोमवार से मैजेंटा लाइन पूरी तरह से चालक रहित होगी। यात्रियों को अधिक जगह देने के लिए मैजेंटा लाइन पर चलने वाली मेट्रो से ड्राइवरों के कैबिन भी हटा दिए गए हैं। दिल्ली देश का पहला शहर बन गया है जिसके पास ड्राइवरलेस मेट्रो है। साथ ही, डीएमआरसी विश्व के 7 प्रतिशत मेट्रो नेटवर्क में शामिल है, जो बिना चालक के चलते हैं।
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दरअसल, दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर चलने वाली सभी 29 स्वचालित मेट्रो ट्रेनों में चालक का केबिन हटा दिया गया है। इससे मजेंटा लाइन मेट्रो के पहले और आखिरी कोच में यात्रियों के लिए कुछ अतिरिक्त जगह होगी। ऐसा होने से मजेंटा लाइन की मेट्रो में अधिक यात्री चल सकेंगे। साथ ही, पहले कोच में सवार महिला यात्रियों को मेट्रो में चालक के बिना रफ्तार मिलेगा।
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बता दें कि मेट्रो का परिचालन दिसंबर 2017 से मई 2018 के बीच करीब 37 किलोमीटर लंबी मजेंटा लाइन पर शुरू हुआ था। यह दिल्ली मेट्रो का पहला स्वचालित मेट्रो कॉरिडोर है लेकिन शुरू में इस कॉरिडोर की मेट्रो में सुरक्षा के लिए ऑपरेटर थे। बाद में, दिसंबर 2020 में इस कॉरिडोर पर पूरी तरह स्वचालित मेट्रो का परिचालन शुरू किया गया था।
जब मेट्रो नियमों में बदलाव किए गए और चालक रहित मोड़ में गैर राजस्व समय (रात में परिचालन बंद होने के बाद) तक परिचालन का ट्रायल किया गया था। तब से इस कॉरिडोर पर पूरी तरह से चालक रहित मेट्रो चल रही है। इसके अलावा, 25 नवंबर 2021 से पिंक लाइन पर पूरी तरह से स्वचालित मेट्रो चलेगी। DMRC अब मजेंटा लाइन की मेट्रो ट्रेनों से चालक का कोच हटा दिया है। वहीं, पिंक लाइन मेट्रो ट्रेनों में चालकों के केबिन भी नहीं होंगे। लेकिन कुछ ट्रेनों में मदद मिलेगी।