नई दिल्ली: मिस्र की स्वेज नहर में जहाज 6 दिन तक फंसा था, उसे अब मिस्र ने कब्जे में ले लिया है। कुछ दिनों पहले मिस्र की स्वेज नहर में अटके विशालकाय जहाज एवर गिवेन पर अथॉरिटीज ने बड़ी कार्रवाई की है।
स्वेज नहर अथॉरिटी के प्रमुख ओसामा राबी ने बताया कि 900 मिलियन डॉलर का मुआवजा नहीं चुकाने के कारण स्वेज नहर को बंधक बनाए रखने वाले एवर गिवेन को जब्त किया गया है।
करीब 1 हफ्ते तक नहर में फंसे रहने के कारण कारोबार को वैश्विक स्तर पर काफी नुकसान उठाना पड़ा था। गौरतलब है कि मिस्र को इस नहर के बंद होने की वजह से हर दिन करीब 12 से 15 मिलियन डॉलर के राजस्व का रोज नुकसान हो रहा था।
अदालत के आदेश पर इस जहाज को जब्त किया गया है। राशि चुकाने के बाद ही जहाज को छोड़ा जाएगा। बीते माह एवर गिवेन जहाज नहर के संकरे रास्ते में अटक गया था।
करीब 6 दिनों तक चले प्रयास के बाद इसे हटाकर रास्ता फिर से शुरू किया गया था। स्वेज नहर प्राधिकारण के प्रमुख ओसामा राबी ने कहा कि एमवी एवरगिवन जहाज को 900 मिलियन डॉलर के मुआवजे का भुगतान नहीं करने की वजह से जब्त किया गया है।
हालांकि, राबी ने स्पष्ट रूप से जहाज के मालिक शुआई किसेन राइश की इस मामले में हस्तक्षेप को लेकर जानकारी नहीं दी, लेकिन सूत्रों ने बताया कि कंपनी, इंश्योरेंस फर्म और स्वेज नहर प्राधिकरण के बीच मुआवजे को लेकर बातचीत चल रही है।
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जापानी स्वामित्व, ताइवान द्वारा संचालित और पनामा के झंडे वाला जहाज 29 मार्च को स्वेज नहर से निकलने में कामयाब हो सका था।
इसके बाद नहर के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर फंसे 420 जहाजों को जाने का रास्ता मिल सका। राबी ने बताया कि मुआवजे की राशि जहाज के फंसने की वजह से हर रोज होने वाले नुकसान और मरम्मत कार्य में खर्च हुए पैसे को जोड़कर तय की गई है।
बताया गया है कि जहाज के नहर में फंसने और फिर इसे बाहर निकालने के प्रयासों के चलते स्वेज नहर को खासा नुकसान हुआ है। 2019-2020 के वित्तीय वर्ष में स्वेज नहर से मिस्र को 5.7 बिलियन डॉलर का फायदा हुआ।