केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने जानकारी दी है कि इस साल कोरोना काल में भी देश में कर्मचारी भविष्य निधि के सदस्यों ने 25 मार्च से 31 अगस्त के बीच 39,402.94 करोड़ रुपये निकाले हैं। सोमवार को संसद में इसकी जानकारी दी गई। ध्यान रखने वाली बात ये है कि सरकार ने देश में कोरोना वायरस महामारी के खतरे को देखते हुए 25 मार्च, 2020 को देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि ईपीएफ खातों से इस साल कुल निकासी 25 मार्च से 31 अगस्त तक 39,402.94 करोड़ रुपये रही।
25 मार्च से 31 अगस्त तक ईपीएफ से निकाली गई रकम में महाराष्ट्र सबसे आगे रहा, यहां 7,837.85 करोड़ रुपये निकाले गए, इसके बाद कर्नाटक 5,743.96 करोड़ रुपये और तमिलनाडु (पुदुचेरी सहित) 4,984.55 करोड़ रुपये निकाले गए।
इस अवधि के दौरान दिल्ली में कुल ईपीएफ निकासी 2,940.97 करोड़ रुपये थी। मंत्री ने सदन को बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक व्यवधान के कारण मजदूरों को होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के हिस्से के रूप में कई पहल की गई हैं।
इनमें कर्मचारियों के भविष्य निधि (ईपीएफ) के तहत 12 फीसदी नियोक्ताओं के हिस्से का भुगतान और 12 फीसदी कर्मचारियों का हिस्सा शामिल है। इसके अलावा, सरकार ने मई, जून और जुलाई 2020 के वेतन महीनों के लिए ईपीएफ योगदान को 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया।
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