नई दिल्ली (रिपोर्ट- प्रदीप कुमार): राज्यसभा ने आज महामारी रोग संशोधन विधेयक 2020 को पारित कर दिया ।साथ ही इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड सेकंड एमेंडमेंट बिल, 2020 भी पास हुआ। महामारी रोग संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा।
राज्यसभा में आज दूसरा इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी संसोधन 2020 विधेयक पास हो गया है। इस विधेयक का प्रस्ताव लाते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जून के पहले सप्ताह में ही इसे लेकर एक अध्यादेश जारी किया गया था। मौजूदा महामारी में लोगों की जान बचाने के लिए लॉकडाउन का फैसला लिया गया था। ऐसे में स्वाभिवक रूप से कारोबार को नुकसान हुआ है। इसके परिणामस्वरूप बाजार पर भी असर पड़ेगा और अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा।
ऐसे में कंपनियों के काम करने के तरीके में आने वाले बाधा को भी ध्यान में रखना होगा। ऐसी स्थिति में कंपनियों पर दिवालिया होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही रिजॉल्युशन प्रोफेशन्लस को बड़े स्तर पर समस्या होगी, यही कारण है कि इस कोड के सेक्शन 7, 9 और 10 को सस्पेंड कर दिया जाए।
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इसी साल जून में ही केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में बदलाव किया था। इस संसोधन के बाद कोविड-19 महामारी की वजह से जिन कंपनियों ने डिफॉल्ट किया है, उन्हें उनके लेंडर्स कर्ज़ देने वाले बैंक या कंपनी IBC कोर्ट में नहीं घसीट सकते हैं। सरकार ने ऑर्डिनेंस के जरिए IBC के सेक्शन 7, 9 और 10 को फिलहाल सस्पेंड कर दिया है।जिसे राज्यसभा में आज मंजूरी मिल गयी।
महामारी रोग संशोधन विधेयक पारित !
इसी के साथ राज्यसभा में महामारी रोग संशोधन विधेयक, 2020 भी पारित हो गया।इस दौरान राज्यसभा में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ‘कोविड-19 से जुड़े कलंक के कारण, कई स्वास्थ्यकर्मियों जिसमें डॉक्टरों, पैरामेडिक्स शामिल हैं, उनका किसी न किसी रूप में अपमान किया गया। केंद्र सरकार ने इस स्थिति पर कार्रवाई की और पाया कि इस तरह की घटनाओं के खिलाफ एक सख्त कानून की आवश्यकता है।’
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इस साल अप्रैल में देश के स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हमलों के लिए 5 साल की कड़ी सजा का प्रावधान करने के लिए महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने के लिए सरकार अध्यादेश लाई थी। जिसे कानून की शक्ल देने के लिए अब बिल लाया गया।जिसे राज्यसभा ने पास कर दिया है।
महामारी रोग संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘आप अब स्वास्थ्य कर्मियों के बारे में सोच रहे हैं? बंगाल में हिंसा की रोकथाम के लिए मेडिकेयर सर्विस प्रिवेंशन ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 2009 है। इससे क्या होता है? TMC ने आरोप लगाया कि ये विधेयक राज्यों की संवैधानिक रूप से सौंपी गई कार्यप्रणाली का अतिक्रमण करने का एक प्रयास है।’