प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के क्वाड समूह ने मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र का लक्ष्य हासिल करने तथा आतंकवाद जैसे साझा खतरों से मिलकर निपटने के लिए जोर-शोर से काम करने का आह्वान किया है।
क्वाड बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्वाड देशों के बीच के रिश्तों की प्रशंसा की।विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि, ‘मुझे लगता है कि क्वाड ने बहुत अच्छा काम किया है, क्योंकि हमारे द्विपक्षीय संबंध बहुत मजबूत रहे हैं।निश्चित रूप से, मुझे उम्मीद है कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति क्वाड के रूप में अच्छी तरह से होगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि ‘सितंबर में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति जो बाइडेन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने साथ मिलकर क्वाड के विजन को लेकर हमारा मार्गदर्शन किया।मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम सब काम पर हैं। मुझे लगता है कि आज की बैठक हमें यह समीक्षा करने का अवसर देती है कि हमने उस पर कितनी प्रगति की है।’
विदेश मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से, मुझे उम्मीद है कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों में जैसी प्रगति हुई है, वैसी ही क्वाड में भी होगी।’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मौजूदा वैश्विक परिदृश्य को लेकर कहा कि, ‘फरवरी 2021 में हमारी पिछली बातचीत के बाद से, भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक वैश्विक परिदृश्य अधिक जटिल हो गया है। प्रमुख लोकतंत्रों के रूप में, हम क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता, कानून के शासन, पारदर्शिता, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नेविगेशन की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण समाधान के लिए सम्मान के आधार पर एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की हमारी साझा दृष्टि का अनुसरण करते हैं’
इस दौरान विदेश मंत्री ने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘जैसा कि महामारी हमें प्रभावित कर रही है, हमने वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा, क्वाड वैक्सीन पहल और हमारे सामूहिक वैक्सीन वितरण को संबोधित करने के लिए सामूहिक प्रयास किए हैं।हिंद-प्रशांत के देशों के लिए इन चुनौतियों का सामना करने के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण हैं।
भारत ऑस्ट्रेलिया अमेरिका और जापान ये चारों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र के क्वाड गठबंधन का हिस्सा हैं जिसे चीन के बढ़ते क्षेत्रीय प्रभाव का मुकाबला करने के मकसद से बनाया गया है।
क्वाड समूह की आज की बैठक में यूक्रेन संकट का असर भी दिखा है जब अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि, दुनिया में अभी कुछ अन्य प्रकार की चीजें चल रही हैं। रूस द्वारा यूक्रेन पर संभावित हमला हमारे लिए एक चुनौती है। हम उस पर 24 घंटे सात दिन काम कर रहे हैं। लेकिन हमें पता है कि राष्ट्रपति किसी और से अधिक इस बात को समझते हैं कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जो कुछ भी घटेगा उससे इस शताब्दी का रुख तय होगा।