पिछले 3 महीने से बकाया भुगतान न होने के चलते किसानो ने वीटा मिल्क प्लांट के समक्ष रोषप्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। किसानो ने वीटा प्रबंधन पर सहकारी समितियों से दूध ना लेकर निजी संस्थानों से दूध लेने के आरोप भी लगाए।किसानों ने अपनी मांगो से संबंधित मांगपत्र वीटा मिल्क प्लांट के सीईओ को सौंपा। अधिकारियों द्वारा जल्द ही किसानो की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। वही किसानो ने मांगे पूरी ना होने पर वीटा मिल्क प्लांट के घेराव की चेतावनी दी।
किसानों ने बताया कि पिछले तीन महीने से उनको भुगतान नहीं किया गया जबकि किसानो ने कोरोना काल में कभी भी दूध की कमी नहीं आने दी। भुगतान न होने के कारण किसानो को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं उन्होंने वीटा मिल्क प्लांट पर आरोप लगाते हुए कहा कि वीटा वाले गॉव में बनी सहकारी समितियों की बजाये निजी संस्थानों से या फिर राजस्थान से नकली दूध ले रही है जिसके बुरे परिणाम आने वाले वक्त में देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही उनकी मांगो को नहीं माना गया तो आने वाले सोमवार को गॉव के लोग महिलाओं और बच्चों सहित महापड़ाव डालेंगे और वीटा मिल्क प्लांट का घेराव करेंगे।
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इस विषय में जब वीटा मिल्क प्लांट के सीईओ बिशम्भर से बात की तो उन्होंने बताया कि ये पेमेंट पहले की बकाया है उन्होंने आते ही एक पेमेंट करवाई है और आगे भी जल्द ही पेमेंट करवाएंगे। वही सहकारी समितियों की बजाये निजी संस्थानों से दूध लेने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि इस मामले में वो जांच करवाएंगे।