तालाबंदी का खौफ: सड़कों पर आया प्रवासी मजदूरों का सैलाब 

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की जारी बेकाबू रफ्तार ने देश में एक बार फिर पिछले साल जैसे हालात बना दिए हैं। हर रोज ढाई लाख के करीब नए केस आ रहे हैं, जिसकी वजह से अस्पतालों में बेड्स की कमी है, ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है, कहीं टेस्ट नहीं हो रहे हैं।

इस महासंकट की रफ्तार को रोकने के लिए कई राज्य सरकारों ने अपने यहां लॉकडाउन समेत कई पाबंदियां लगा दी हैं।

2021 की इस तालाबंदी ने फिर सड़कों पर उसी नज़ारे को फिर से जिंदा कर दिया है, जहां लाखों की संख्या में मजदूर घर वापसी के लिए निकल पड़े हैं।

दिल्ली हो या राजस्थान या फिर गुजरात और महाराष्ट्र हर तरफ से एक ही तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं। जहां हजारों की संख्या में मजदूरों की भीड़ अपने घर वापस जाने को बेकरार है।

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बात दिल्ली की करें तो कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार पर काबू पाने के लिए राजधानी में अगले सोमवार सुबह तक लॉकडाउन लगा दिया गया है।

लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद ही एक बार फिर से लोगों का पलायन शुरू हो गया। लॉकडाउन के कारण अपने घर जाने के लिए आनंद विहार बस टर्मिनल पर हजारों लोग पहुंच गए।

यूपी परिवहन निगम का कौशाम्बी बस अड्डे से यूपी और बिहार जाने वाली बसें पूरी भरकर जा रही हैं। आज आनंद विहार, सराय काले खां सहित सभी बस अड्डों और कई नीजी बस अड्डों पर अपने घर से दूर काम कर रहे कामगार घर को वापस लौटते हुए दिखाई दिए।

कई यात्रियों को डर है कि लॉकडाउन का समय पहले की तरह ही आगे बढ़ सकता है, इसलिए वो अपना पूरा सामन लोकर घर जा रहे हैं।

हालांकि, सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों से दिल्ली में ही रहने की अपील की है और कहा है कि मैं हूं न। एक प्रवासी ने बातचीत में बताया कि लॉकडाउन के बाद हमारे पास कोई काम नहीं है, कोई भी मकान मालिक या सरकार हमें लॉकडाउन के दौरान मदद नहीं करेगा, इसलिए हम अपने घर जाना ही बेहतर समझ रहे हैं।

 

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