यमुनानगर(राहुल सहजवानी): आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आजादी के 75वें वर्ष को भारतवर्ष में एक पर्व के रूप में बड़े उत्साह, उल्लास और जोर शोर के साथ मनाया जा रहा है। इस दिवस को इस बार मनाने के लिए घर-घर तिरंगा फहराने का आयोजन किया गया है। इस कड़ी में शहीदों के परिवारों, स्वतंत्रता सेनानियों व हिंदी आंदोलन में आंदोलनकारियों के घर पहुंच कर तिरंगे का ध्वजारोहण किया जा रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब इस तरह से शहीदों के घर जाकर तिरंगा फहराया जा रहा है। शहीद का परिवार भी इस मौके पर भावुक नजर आया। News Haryana Today,
इस कड़ी में यमुनानगर के डीसी पार्थ गुप्ता द्वारा सम्मान स्वरूप तिरंगे का ध्वजारोहण करने कारगिल शहीद नवीन मेहता की वीरांगना डोली मेहता के घर पहुंचे। उन्होंने कारगिल शहीद नवीन कुमार मेहता के परिवार के साथ ध्वजारोहण किया। इस मौके पर डीसी पार्थ गुप्ता ने शहीद नवीन कुमार मेहता जी के परिवार से बातचीत की और इस भावुक क्षण में उन्होंने अपना सहयोग इस परिवार को देने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि हमारा एक प्रयास है इनकी कुर्बानी को भुलाया नही जा सकता। हम रोज़मर्रा की जिंदगी में व्यस्त हो जाते है। लेकिन शहीद परिवारों को ऐसा नही लगना चाहिए कि समाज उनके साथ नही है। हमने परिवार से बातचीत की है जो भी समस्या उन्होंने रखी है उसे दूर करने प्रयास करेंगे।
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नवीन मेहता ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, महज 34 वर्ष की उम्र में उन्होंने देश के लिए शहादत पाई। 22 जुलाई 1964 में जन्मे नवीन कुमार मेहता ने भारतीय सेना में कार्यरत पिता अमरनाथ मेहता से प्रेरणा लेते हुए देश के लिए कुछ कर गुजरने की राह चुनी और वह सेना में भर्ती हुए। 1982 में महज 18 साल की उम्र में नवीन भारतीय सेना में हवलदार के पद पर नियुक्त हुए। सेना में 16 साल की सेवा के बाद 1999 में कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया। 22 मई 1999 में दुश्मनों से लोहा लेते हुए नवीन शहीद हो गए। उनके नाम पर शहर के मॉडल टाउन में सरकारी स्कूल का नाम रखा गया है। जिसका नाम शहीद नवीन वैद वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल है।