गोहाना की सब्जी मंडी में तीन दिन पहले बारिश व आंधी के चलते मंडी में बने लोहे के सेड गिरने से हुए हादसे में दो लोगो की मौत हो गई थी। जबकि इसमें 17 लोग घायल हो गए थे। हादसे के तीन दिन बीत जाने के बाद भी मंडी प्रशासन की तरफ से मंडी में सब्जी बेच कर अपना गुजारा चलाने वाले दुकानदारों के लिए कोई इंतजाम नहीं करने के चलते अब सब्जी विक्रेताओं में रोष बना हुआ है और सब्जी मंडी में खुले में धुप के निचे गर्मी में बैठकर सब्जियां बेच कर रोजी रोटी कमाने के लिए मजबूर है।
गौरतलब है की नई सब्जी मंडी में जहां दोनों सेड गिरे उनमे से पहले सेड के निचे सब्जी बेचने वाले दुकानदार बैठते थे और दूसरे सेड के निचे आमतौर पर राजनैतिक दलों की रैलियां होती थी। यहाँ पर मंडी के आढ़तियों के वाहन खड़े रहते थे। दोनों सेड के गिरने से अब उनके निचे बैठकर सब्जी बेचने वाले सभी विक्रेताओं के सामने वहां बैठने की समस्या खड़ी हो गई है, जिसके चलते अब सब्जी बेचने वाले विक्रेता खुले में धुप में इतनी गर्मी के अंदर अपनी सब्जियां बेचने को मजबूर है।
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सब्जी विक्रेताओं ने अधिकारियो से मांग की है की जब तक मंडी में दोनों सेडो को दोबारा से रिपेयर कर खड़ा नहीं किया जाता तब तक मंडी में उनके बैठने के लिए कोई अस्थाई व्यवस्था की जाये ताकि सब्जी विक्रेता वहां बैठकर सभी सब्जियां बेचकर अपना गुजरा चला सके। सब्जी विक्रेताओं ने बताया कुदरत की मार ने उनको खुले आसमान के निचे बिठा दिया है, पहले ही इस हादसे से उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया है और अब मंडी में उनके बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से उनके सामने अब घर चलाने के लिए रोजी रोटी के लाले पड़ते हुए नजर आ रहे है। वो मंडी में सब्जियां बेच कर रोजाना दो सौ से तीन सौ रुपए कमा कर अपने परिवार का गुजारा चलाते आ रहे थे, लेकिन हादसे ने उनका सबकुछ छीन लिया।
कुछ दुकानदारों ने तो कर्ज लेकर अपना काम शुरू किया था तो कुछ दुकानदार रोजाना बड़े दुकानदारों से सब्जियां लेकर बेच कर कुछ पैसे कमा लेते थे, लेकिन इस हादसे ने सभी के सपनों पर पानी फेर दिया और अब देखना ये है कि प्रशासन इनकी ओर कब ध्यान देता है और इसके लिए क्या व्यवस्था करता है।