गुरु पर्व का तोहफा, 17 नवंबर से खुल जाएगा करतारपुर कॉरिडोर

नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व से पहले केंद्र सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर खोलने का एलान कर दिया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया कि बड़ी संख्या में सिख तीर्थयात्रियों को लाभान्वित करने वाले एक बड़े फैसले में, सरकार ने कल 17 नवंबर से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने का फैसला किया है।

यह निर्णय श्री गुरु नानक देव जी और हमारे सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है। गुरु पर्व 19 नवंबर को है, इससे पहले केंद्र सरकार ने सिख तीर्थयात्रियों के हित में ये बड़ा फैसला किया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने करतारपुर कॉरिडोर खोलने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए धन्यवाद दिया है।

पंजाब के CM चरणजीत चन्नी ने कहा कि वे इस बारे में PM नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे। इसके बाद उन्हें लेटर भी लिखा था।

इस कोशिश का फल मिला है, अब वे अपने सभी मंत्रियों के साथ पहले जत्थे में श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाएंगे। इस बीच भारत-पाकिस्तान के बीच कल से करतारपुर कारिडोर खुलवाने को लेकर सियासी ‘क्रेडिट वार’ भी देखने को मिल रहा है।

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पंजाब के बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि उनकी कोशिश से 19 नवंबर को श्री गुरूनानक देव जी के प्रकाश पर्व से पहले यह कॉरिडोर खुला है।

इसके लिए वे पहले PM नरेंद्र मोदी, फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह से मिले। अब पहले जत्थे में बीजेपी प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा भी करतारपुर जाएंगे।

करतारपुर कॉरिडोर खुलवाने का क्रेडिट लेने में अकाली दल और शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी SGPC भी पीछे नहीं है। पूर्व अकाली केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस बारे में केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था।

इसके अलावा SGPC प्रधान बीबी जागीर कौर भी लगातार मांग उठाती रही। सुखबीर बादल ने कहा कि हमने लगातार पीएम को चिटि्ठयां लिखी थी।

इससे पहले केंद्र सरकार के करतारपुर कोरिडोर खोलने के फैसले से ठीक पहले आज ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी।

ऐसे में करतारपुर कॉरिडोर खोलकर बीजेपी ने पंजाब में सिखों को साधने की कोशिश की है। पंजाब में विधानसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं। ऐसे में इस फैसले के जरिए बीजेपी खुद को सिखों की हितैषी साबित करना चाहती है।

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