नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए असम में ‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ का शुभारंभ किया और दो पुलों (धुबरी फूलबारी पुल और मजुली पुल) की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से जुड़े जितने काम पहले होने चाहिए थे, उतने पहले नहीं हुए।
इसकी वजह से असम और नार्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी एक चुनौती बनी रही। महाबाहु ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से अब इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है।
बीते सालों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार की दूरियों को कम करने का प्रयास किया है।
Working towards #AatmanirbharAssam. Watch. https://t.co/XEBMvejwaX
— Narendra Modi (@narendramodi) February 18, 2021
असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की फिजिकल और सांस्कृतिक अखंडता को बीते सालों में सशक्त किया गया है। मजूली में असम का पहला हैलीपोड भी बन चुका है।
अब मजूलीवासियों को सड़क का तेज और सुरक्षित विकल्प मिलने जा रहा है। वर्षों पुरानी मांग आज पुल के भूमि पूजन के साथ पूरी होनी शुरू हो गई है। कालीबाड़ी घाट से जोरहाट को जोड़ने वाला 8 किलोमीटर का ये पुल मजूलीवासियों की जीवन रेखा बनेगा।
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ब्रह्मपुत्र और बराक सहित असम को अनेक नदियों को जो सौगात मिली है उसे समृद्ध करने के लिए आज महाबाहु ब्रह्मपुत्र कार्यक्रम शुरु किया गया है।
ये कार्यक्रम ब्रह्मपुत्र के जल से इस पूरे क्षेत्र में वॉटर कनेक्टिविटी को सशक्त करेगा। अब असम का विकास प्राथमिकता में भी है, इसके लिए दिन रात प्रयास भी हो रहा है।
बीते 5 सालों में असम की मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को फिर से स्थापित करने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं।
माजुली और निमाटी के बीच रोपेक्स सेवा से अब आपको सड़क से करीब सवा 400 किमी घुमकर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
रोपेक्स से सिर्फ 12 किमी का सफर तय करते हुए अपने सामान को जहाज पर ले जा सकते हैं। इस रास्ते पर दो जहाज चलाए जा रहे जो करीब 1600 यात्री और दर्जनों सामान ले जा सकते हैं।