कुरुक्षेत्र: अध्यादेशों के खिलाफ लाम्बन्ध हुए किसानों ने गुरुवार को दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे पर जाम लगाया। सड़क के दोनों ओर कई किलोमीटरों तक किसानों ने जाम लगाया जिसके बाद उनके ऊपर बल का भी प्रयोग किया गया। इसके अलावा पिपली अनाजमंडी में भारतीय किसान यूनियन की रैली में पहुंचने से पहले किसानों को पिपली चौक पर रोक लिया गया। उन्हें वापस जाने को कहा, लेकिन वे नहीं मानें। आगे बढ़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज करके लोगों को खदेड़ा। इसके बाद कुछ लोगों को हिरासत में भी ले लिया।
भाकियू के प्रेस प्रवक्ता राकेश बैंस को शरीफगढ़ से गिरफ्तार किया गया। किसानों को बसों में पुलिस ने बैठाकर हिरासत में लिया। बाद में किसानों को थाना प्रभारी भीम राज शर्मा ने रोक दिया। वहीं चोर रास्तों से पिपली अनाज मंडी में 15 किसान पहुंच गए।
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कुरुक्षेत्र की पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने कहा कि पुलिस पर पथराव करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व पुलिस मुलाजिमों को चोट पहुंचाने वाले तथा कानून हाथ में लेने पर किसानों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।उन्होंने कहा कि किसानों ने धारा 144 की उल्लंघना के साथ-साथ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की भी अनदेखी की है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।
वही पूर्वमंत्री व कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि किसानों पर लाठीचार्ज प्रजातंत्र का हनन है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसकी निंदा करती है और किसानों को अपनी बात रखने का हक है उन्होंने कहा कि यदि भाजपाई अपनी बात रखने का अधिकार रखते हैं तो किसान भी अपनी बात रखने का अधिकार है।
क्यों हुआ लाठीचार्ज ?
दरअसल किसान बचाओ-मंडी बचाओ रैली में पहुंचे किसान पुलिस लाठीचार्ज पर उग्र हो गए। पिपली चौक पर कुछ किसानों ने पुलिस पर पत्थर फेंक दिए और जीटी रोड पर जाम लगा दिया। किसानों ने करीब 10 मिनट तक जाम लगाए बैठे रहे। एसपी आस्था मोदी मौके पर पहुंची। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसानों को खदेड़ा।