पूर्व सीएम और हरियाणा विधानसभा में नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि विधानसभा के मॉनसून सत्र में मुद्दे बहुत थे लेकिन सत्र की अवधि कम थी। महंगाई औऱ बेरोजगारी में हरियाणा नम्बर एक पर पहुंच गया है। प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति निवेश में 2014 में हरियाणा नम्बर वन था जो आज नीचे खिसक रहा है। हुड्डा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये मैं नही बोल रहा ये नीति आयोग की रिपोर्ट बता रही है। प्रदेश सरकार इवेंट मैनेजमेंट का काम करती है। बेरोजगारी में सीएमआईई की रिपोर्ट को सरकार नही मानती लेकिन नीति आयोग की भी रिपोर्ट है। हुड्डा ने कहा बेरोजगारी को लेकर दुष्यंत चौटाला ने सीएमआईई की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव से पहले बीजेपी सरकार पर निशाना साधकर टवीट किया लेकिन आज ये रिपोर्ट को नही मानते।
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हुड्डा ने कहा उस वक्त सीएमआईई की रिपोर्ट ठीक थी आज गलत ये दोहरा मापदंड कैसे है। पूर्व सीएम ने कहा सरकार से पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग थी लेकिन सरकार नही मानी मतलब दाल में काला है। लोगों को विश्वास बने इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई को दी जाए। हरियाणा में नौकरी चाहिए तो लखपति चाहिए पेपर लीक चाहिए तो करोड़पति होना चाहिए। परचून की दुकान की तरह नौकरियां मिली हैं।
स्वतंत्रता सैनानियों की तरफ सरकार का कोई ध्यान नही है। पेट्रोल–डीजल पर हरियाणा सरकार को वेट कम करना चाहिए। इसके अलावा प्रदेश में मक्का एमएसपी पर नही बिक रहा है। किसानों की फसल पर लागत बढ़ रही है लेकिन किसान को एमएसपी नही मिल रहा है।
हरियाणा में कितने डॉक्टर्स भर्ती हुए ,कितने पैरा मेडिकल स्टाफ़ और इंफ्रास्ट्रक्चर पर क्या किया ये सरकार ने नही बताया। बीबीएमबी में हरियाणा का एक साल से कोई मेंबर ही नही है। बीबीएमबी में हरियाणा का जब इरिगेशन का मेम्बर ही नही है तो हरियाणा को दिक्कत आएगी। 1966 में हरियाणा में एक मेडिकल था उसके बाद 2005 तक सरकारी कोई मेडिकल कॉलेज नही बना था। जब हम सत्ता में आए तब कई मेडिकल कॉलेज बनाए गए।