चुनाव के दौरान मुफ्त की घोषणाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, कहा यह बहुत गंभीर मामला है

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नई दिल्ली, (अवैस उस्मानी): चुनाव के दौरान मुफ्त की योजनाओं की घोषणाओं को लेकर गाइड लाइन बनाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार ने कहा कि, सैद्धांतिक तौर पर याचिका का समर्थन करते हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि मुफ्तखोरी की योजनाएं अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देंगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, मामले से जुड़े सभी पक्ष वित्त आयोग, नीति आयोग, सत्ता पक्ष, विपक्ष चर्चा कर सुझाव तय करें सभी पक्ष उस संस्था के गठन पर सुझाव दें, जो इस मसले पर विचार कर हल निकले। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।                                News Hindi Today,

मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, ऐसी घोषणाएं वोटर के स्वतंत्र निर्णय पर असर डालती हैं। चुनाव आयोग को इस मामले पर फिर से विचार करने दिया जाए, उसके बाद मामले की सुनवाई हो। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि, यह बहुत गंभीर मसला है। सरकार और चुनाव आयोग को विचार कर इस पर स्पष्ट रुख देना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा समस्या यह है कि शायद कोई पार्टी इस तरह की योजनाओं को नहीं छोड़ना चाहती है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने कहा कि सिर्फ अमीरों को ही सुविधा नहीं मिलनी चाहिए, अगर बात गरीबों के कल्याण की है, तो इसे समझा जा सकता है, पर इसकी भी एक सीमा होती है।                                        News Hindi Today,

वरिष्ठ वकील और संसद कपिल सिब्बल ने कहा यह वित्तीय मसला है, उसे इस तरह से देखा जाए, चुनाव आयोग से ज़्यादा दूसरों की भूमिका है, सिर्फ चुनाव आयोग पर इसको नहीं छोड़ा जाना चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सिब्बल की दलील का विरोध करते हुए कहा कि सिब्बल जो कह रहे हैं, उससे समाधान नहीं होगा, मामले में चुनाव आयोग की भूमिका अहम है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि राजनीतिक दलों को मुफ्त की घोषणाओं के लिए पैसा कहां से मिलता है।

केंद्र सरकार की तरफ़ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा मुफ्त की घोषणाओं से मतदाता पर चुनाव में फैसला लेने पर असर पड़ता है। वह नहीं जानता कि उस पर भविष्य में इसका क्या असर होने वाला वाला है। केंद्र सरकार ने कहा कि ऐसी घोषणाओं से अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ता है और इस तरह हम आर्थिक आपदा की मुश्किलों को बढ़ा रहे हैं।                    News Hindi Today,

 

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