चंडीगढ़– हरियाणा के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत लगभग 250 नॉन एलिजिबल एक्सटेंशन लेक्चरर को माननीय उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक केस में अंतरिम आदेश पारित करते अभी जॉब में बने रहने के आदेश दिए हैं। हरियाणा अनुबंध कॉलेज एसोसिएशन के उपप्रधान डॉ. सीएस ग्रोवर ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हरियाणा के विभिन्न महाविद्यालयों में प्राचार्यों द्वारा नॉन एलिजिबल को हटाने के आदेश जारी किए गए थे।
आपको बता दें कि इसमें राजकीय महाविद्यालय महम, भिवानी, गुरुग्राम, हिसार, आदमपुर, असन्ध, जींद आदि शामिल हैं। अब हाइकोर्ट के इस अंतरिम आदेश के आने के बाद नॉन एलिजिबल एक्सटेंशन लेक्चरर ने राहत की सांस ली है। डॉ. सीएस ग्रोवर ने बताया कि हाई कोर्ट के इस अंतरिम आदेश से महाविद्यालयों के प्राचार्यों व उच्चतर शिक्षा विभाग की मनमर्जी पर रोक लगेगी।
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उन्होंने बताया कि लगभग 250 नॉन एलिजिबल एक्सटेंशन लेक्चरर वर्षों से कॉलेजों में कार्यरत हैं। ये सभी प्रदेश के कॉलेजों में बहुत ही कम सैलरी में कार्य कर रहे हैं। इन सभी ने यूजीसी नेट की तैयारी की है लेकिन कोरोना महामारी की वजह से ये परीक्षा नहीं हो पा रही है। वहीं कई नॉन एलिजिबल पीएचडी डिग्री कर रहे हैं। उन्होंने न्यायालय के फैसले को मानवता की जीत बताया है।