मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भ्रष्टाचार पर कैसे लगाएंगे लगाम

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा निवास चंड़ीगढ़ में प्रदेशभर के जिला उपायुक्त व पुलिस अधीक्षकों की बैठक के बाद कहा कि कोरोना की वजह से प्रदेशभर के जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों से व्यक्तिगत तौर पर कोई बैठक नहीं हो पाई थी। दो वर्ष के बाद यह बैठक आयोजित की गई है। इस कड़ी में यह 16वीं बैठक है। इसमें मुख्य रूप से हाल ही में पेश किए गए बजट के फोकस बिंदुओं पर चर्चा की गई। इसके साथ-साथ भ्रष्टाचार पर कैसे रोक लगाई जाए, इस विषय पर भी विचार किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो का विकेंद्रीकरण करते हुए डिविजनल लेवल पर 6 स्वतंत्र इकाईयां गठित करने का निर्णय लिया गया है। डिविजनल लेवल पर इन इकाईयों की प्रोसीक्यूशन सैंक्शन डिविजनल कमिशनर के पास रहेगी। इन इकाईयों का मुख्य कार्य ग्रुप बी,सी व डी श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध मिली 1 करोड़ रुपये राशि तक की शिकायतों की जांच करने की जिम्मेवारी होगी। ग्रुप-ए श्रेणी के कर्मचारियों व 1 करोड़ से अधिक राशि की शिकायतों की जांच स्टेट विजिलेंस ब्यूरो पहले की तरह करता रहेगा। इसके अलावा विजिलेंस विभाग द्वारा अतिरिक्त जिला उपायुक्तों की अध्यक्षता में पहले ही जिला विजिलेंस टीम कार्यरत हैं। सरकार ने इन्हें भी मजबूत किया है। पिछले 2 महीनों में इनके पास भी 98 शिकायतें आई हैं, जिनकी जांच जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर और अधिक प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए सरकार ने पहली बार हाई पावर कमेटी का गठन किया है। इसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव, हरियाणा करेंगे। इसके अलावा इसमें राजस्व वित्तायुक्त, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) तथा निदेशक स्टेट विजिलेंस ब्यूरो इसके सदस्य के तौर पर शामिल होंगे। भ्रष्टचार की शिकायतों के निवारण जल्द से जल्द करने के लिए इस कमेटी की हर महीने बैठक होगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के हमने एक नए विभाग मानव संसाधन  के गठन करने का भी निर्णय लिया है। इस विभाग के अंतर्गत कर्मचारियों से जुड़ा रिकॉर्ड, उनकी ट्रांसफर, उनके ऊपर चल रहे मामले व सेवानिवृत के बाद पेंशन से जुड़े मामले रहेंगे। यह विभाग खुद मुख्यमंत्री के पास रहेगा। फिलहाल इसके सचिव आईएएस चंद्रशेखर खरे को बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए दंडात्मक, सुधारात्मक और चरित्र निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा है। भ्रष्टाचार आज गहराई तक घुस चुका है, पहले लोग इसे उजागर नहीं करते थे लेकिन हमने इसे पकडऩे का काम किया है। सरकार का मुख्य ध्येय है कि भ्रष्टाचार करने वालों के मन में भय का माहौल बने। इसके लिए सरकार ने आनलाइन सिस्टम तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 लाख से कम वार्षिक आय वाले परिवारों की आय बढ़ाने के लिए आरंभ किए गए अत्योदय रोजगार मेलों के 2 चरण पूरे हो चुके हैं। इनके लाभार्थियों को 30 मार्च से लोन देने का चरण शुरू होगा। अभी तक 1 लाख 42 हजार परिवार इन मेलों में पहुंचे हैं, जिनमें से 82 हजार परिवारों के आवेदन सत्यापित किए गए हैं। भविष्य में भी यह प्रक्रिया इसी तरह जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि अंत्योदय मेलों का मई में तीसरा चरण शुरू होगा।
मुख्यमंत्री ने चरित्र निर्माण के लिए चाणक्य से जुड़ी ‘लैंप नेशनल ट्रेजरी’ कहानी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि एक बार चाणक्य लैंप की रोशनी में सरकारी काम कर रहे थे। अचानक से उनसे मिलने के लिए एक दोस्त आ गया। चाणक्य ने उन्हें रूकने के लिए कहा, थोड़ी देर बाद चाणक्य ने अपना वह लैंप बुझा दिया और दूसरा लैंप जलाकर अपने दोस्त से बातचीत शुरू कर दी। यह देख दोस्त ने लैंप बुझाने का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा कि पहले मैं सरकारी खजाने के तेल से जल रहे लैंप में सरकारी काम कर रहा था। अब आपसे मेरी मुलाकात व्यक्तिगत है, इसलिए मैंने अपना लैंप जलाया है, जिसमें मेरे निजी कोष से खरीदा गया तेल इस्तेमाल हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें ऐसे राष्ट्रीय चरित्र की जरुरत है, जिनसे पूरा देश प्रेरणा ले सके।

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