जलभराव से सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद

चरखी दादरी(प्रदीप साहू): दादरी क्षेत्र के कई गांवों की सैंकड़ों एकड़ जमीन पर जलभराव होने से जहां किसानों की खेती बर्बाद हो रही है।

वहीं, किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि फसल बर्बाद के चलते किसानों को खाने के लाले पड़े हैं।

लगातार कई सालों से खेत बिजाई से वंचित होने के कारण क्षेत्र के किसान भूखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे। इतना ही नहीं बल्कि पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध नहीं होने के कारण रबी फसल की बिजाई पर भी संकट के बादल पर छा सकते हैं।

हालांकि, प्रशासन द्वारा बार-बार पानी निकासी के दावे किए जा रहे हैं। बावजूद इसके पानी की निकासी नहीं होने से सैंकड़ों एकड़ जमीन बंजर होने के कगार पर पहुंच गई है।

चरखी दादरी के आधा दर्जन गांवों में पिछले 4-5 वर्षों से जलभराव की समस्याएं आ रही हैं। हर बार स्थानीय प्रशासन व सिंचाई विभाग द्वारा किसी तरह पानी की निकासी करता रहा है।

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लेकिन इस बार पानी निकासी का कार्य शुरू होने के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। गांव बिगोवा, इमलोटा, मोरवाला, लोहरवाड़ा सहित कई गांवों में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण सैंकड़ों एकड़ फसलें पानी में डूब गई हैं।

हालांकि, कृषि विभाग द्वारा जलभराव की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट पूरी होने के बाद ही सही आकलन हो पाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, क्षेत्र की करीब 6 सौ एकड़ भूमि जलभराव से ग्रस्त है।

फसलों में पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं होने के कारण फसल बर्बादी के कगार पर है। किसान भी अपनी फसल बचाने के लिए बेबश हैं।

लगातार जलभराव होने व पानी की निकासी समय पर नहीं होने के कारण अनेक गांवों के किसानों की खेती लायक जमीन अब बंजर होने लगी है।

किसानों द्वारा बार-बार संबंधित विभाग को पानी निकासी के लिए गुहार लगाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है।

दादरी क्षेत्र में लंबे समय से जलभराव होने और कम भूमि वाले किसानों के लिए तो ये जलभराव किसी आफत से कम नहीं है। इन किसानों को अपने परिवार को चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है।

किसानों का कहना है कि दावों के बावजूद भी पानी की निकासी नहीं हुई। ऐसे में उनके समक्ष आर्थिक संकट पैदा हो गया है। सरकार को तुरंत क्षेत्र में स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा देना चाहिए।

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