सीमा विवाद के बीच चीन ने स्वीकारा गलवान घाटी की झड़प में उसके सैनिकों की भी मौत हुई थी !

दिल्ली। (रिपोर्ट- प्रदीप कुमार) एलएसी पर चीन और भारत के सीमा विवाद के बीच चीन की ओर से पहली बार स्वीकार किया गया है कि गलवान घाटी की झड़प में उसके सैनिकों की भी मौत हुई थी। इससे पहले चीन ये बात स्वीकार ही नहीं कर रहा था।

आपको बता दें, भारत और चीन के बीच सीमा पर मई के महीने से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस बीच चीन की ओर से पहली बार स्वीकार किया गया है कि गलवान घाटी की झड़प में उसके सैनिकों की भी मौत हुई थी। इससे पहले चीन ये बात स्वीकार ही नहीं कर रहा था। चीनी के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के एडिटर ने माना है कि गलवान घाटी में चीन की सेना को नुकसान पहुंचा था और कुछ जवानों की जान भी गई थी।

ग्लोबल टाइम्स के एडिटर इन चीफ हू झिजिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एक बयान को ट्वीट कर लिखा कि जहां तक मुझे पता है कि गलवान घाटी की झड़प में चीनी सेना में मरने वालों की संख्या भारत के 20 के आंकड़े से कम थी।इतना ही नहीं कोई भी चीनी सैनिक भारत ने बंदी नहीं बनाया। ग्लोबल टाइम्स चीन के पीपुल्स डेली का अंग्रेजी अखबार है, जो चीन की सत्ताधारी पार्टी चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी का ही पब्लिकेशन है।

चीन ने इस बात को तब कबूल किया है जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में चीन सीमा पर जारी तनाव की जानकारी देश को दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सभी नियमों और समझौतों का पालन कर रहा है, लेकिन चीन की ओर से बार-बार इनका उल्लंघन किया जा रहा है। इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने अपने बयान में कहा कि लद्दाख में स्थिति गंभीर है, लेकिन भारत की सेना किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार है।

इसके अलावा गलवान घाटी की झड़प पर सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के दुस्साहस के कारण भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, लेकिन उन जवानों ने चीन को कड़ा जवाब दिया। इतना ही नहीं, रक्षा मंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत को पैंगोंग इलाके में पैट्रोलिंग करने से नहीं रोक सकती है।

दरअसल, 15 जून को जब चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, तब भारतीय सेना ने उन्हें रोका था। लेकिन चीनी सैनिकों ने धोखे से धारधार हथियार से हमला कर दिया था।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates, Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter  and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *