भारत – चीन के बीच सीमा विवाद जारी, बातचीत से भी नहीं निकल रहा कोई हल !

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर पिछले तीन महीने से टकराव की स्थिति बनी हुई है। चीन ने अब उल्टा भारत से ही पैंगोंग-त्सो से पीछे हटने को कहा है। वहीं भारत ने चीन के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। भारत और चीन के बीच सैन्य अधिकारी लेबल की बैठकों के बाद भी कोई हल नहीं निकल पा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच बीते रविवार को हुई 5वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। वहीं इसके दूसरी तरफ पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ को लेकर रक्षा मंत्रालय ने दस्तावेज जारी कर पहले स्वीकार किया था कि मई महीने में चीन ने अतिक्रमण की शुरूआत की थी। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने दस्तावेज को वेबसाइट से हटा दिया, अब इस पर भी विवाद हो गया।

रक्षा मंत्रालय ने पहली बार आधिकारिक तौर से अपनी वेबसाइट पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना के ‘अतिक्रमण’ के बारे में एक दस्तावेज अपलोड किया था, हालांकि अब इसे हटा दिया गया है। इसके मुताबिक, एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्युचल कंट्रोल पर चीन की आक्रमकता लगातार बढ़ती जा रही है जो खासतौर से 5 मई को गलवान घाटी में सबसे पहले हुई थी। इस रिपोर्ट में ये भी लिखा गया है कि चीन की तरफ से अतिक्रमणता कुगरंग नाला, गोगरा और पैंगोंग-त्सो लेक के उत्तर में 17-18 मई से शुरू हुई थी।

पिछले तीन महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत और चीन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। चीन ने गलवान घाटी, गोगरा और पैंगोंग-त्सो लेक से सटे फिंगर एरिया में विवादित इलाकों में घुसपैठ कर रखी है । इस दौरान 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा में दोनों तरफ के सैनिक हताहत हुए।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एलएसी पर चीन द्वारा की गई एकतरफा आक्रमकता पर लगातार नजर बनाए रखने की जरूरत है और इसके खिलाफ तुरंत कड़ी कारवाई की जरूरत है। रक्षा मंत्रालय के इस दस्तावेज से एक नए विवादित इलाके का पता चलता है। ये है कुगरंग-नाला, जो पैट्रोलिंग पॉईन्ट पीपी नंबर 16 है। ये पीपी नंबर 15 यानि गोगरा और पीपी नंबर 17 हॉट-स्प्रिंग के बीच में है। गलवान घाटी का पीपी नंबर 14 है।एलएसी पर चिंहित इन पॉईन्ट तक ही भारतीय सैनिक पैट्रोलिंग करते हैं। पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर कुल 65 पैट्रोलिंग पॉइन्ट हैं जो डीबीओ से सटे काराकोराम पास से शुरू होकर डेमोचक तक हैं।

इसके बाद से दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट और डि-एस्केलशन को लेकर कई बार सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत हो चुकी है लेकिन स्थिति अभी भी ‘संवेदनशील’ बनी हुई है।

इस बीच भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की पांचवी बैठक जो 2 अगस्त को हुई थी, उसका कोई भी नतीजा सामने नहीं आया है। जानकारी के मुताबिक, बैठक में चीन का अड़ियल रवैया सामने आया है। क्योंकि चीन पैंगोंग-त्सो लेक से सटे फिंगर 4 से पीछे हटने को तैयार नहीं है। यहां तक की फिंगर 8 से फिंगर 5 तक चीन ने अपने सैन्य-कैंप लगा लिए हैं और बड़ी तादाद में सैनिकों को तैनात कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, चीन अब भारत के सामने ही डिसइंगेजमेंट की शर्तें रख रहा है जिसे भारत ने ठुकरा दिया है। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच टकराव पूरी तरह खत्म करने के लिए अभी और मीटिंग हो सकती हैं।

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