दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) की ओर से डब्ल्यूआरआई इंडिया के सहयोग से 5 अक्टूबर को ‘दिल्ली की सड़कों को बदलना’ विषय पर उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस वर्चुअल वर्कशॉप का उद्देश्य स्ट्रीट डिजाइन और विकास के संबंध में अंतरराष्ट्रीय कार्यशैली को समझना है। डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य दुनिया के बड़े शहरों की सड़कों में आए बदलाव की प्रक्रिया को जानना और उसे दिल्ली की सड़कों पर लागू करना। कार्यशाला में लंदन, न्यूयॉर्क, सियोल और बोगोटा शहरों के विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे।
डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह के मुताबिक सीएम अरविंद केजरीवाल ने यूरोपीय शहरों की तर्ज पर दिल्ली में 100 फीट चौड़ी सभी 540 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों को पुर्नविकसित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसका उद्देश्य दिल्लीवासियों की सुरक्षा, सुलभता और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शीर्ष वैश्विक शहरों में सड़कों में आए बदलाव की प्रक्रिया को जानना और उसे दिल्ली की सड़कों पर लागू करना है।
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कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन शामिल होंगे। इस वर्चुअल हाफ-डे वर्कशॉप में पीडब्ल्यूडी विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों और इंजीनियर शामिल होंगे। डब्ल्यूआरआई इंडिया के सीईओ डॉ ओपी अग्रवाल और डब्ल्यूआरआई इंडिया के अन्य शीर्ष अधिकारी भी कार्यशाला में भाग लेंगे।
डब्ल्यूआरआई इंडिया के एकीकृत शहरी परिवहन के निदेशक अमित भट्ट ने कहा कि एक अच्छी तरह से डिजाइन की गई सड़क न केवल पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालती है बल्कि वायु गुणवत्ता में भी सुधार करती है। इसके साथ ही सड़क पर वाहनों की भीड़ और असमानता को कम करती है। राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों को बदलने की दिशा में दिल्ली सरकार का कदम अभूतपूर्व है।
केजरीवाल सरकार द्वारा सड़कों के सौंदर्यीकरण और नए सिरे से डिजाइन में साइकिल लेन भी शामिल होंगी। इसके अलावा प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए बड़ी संख्या वृक्षारोपण किया जाएगा। इसके साथ ही सड़कों पर सेल्फी पॉइंट और कलाकृति बनायी जाएंगी। सड़कों के पुनर्विकास से बेहतर वायु गुणवत्ता को बढ़ावा मिलेगा और भीड़भाड़ कम होगी।
कार्यशाला में सियोल, लंदन, बोगोटा और न्यूयॉर्क शहरों के विशेषज्ञ भाग लेंगे। साथ ही स्ट्रीट डिजाइन को लेकर अपने अनुभव साझा करेंगे। कार्यशाला में शामिल होने वाले लोग विशेषज्ञों से सीधे बातचीत भी कर सकेंगे।