यशपाल मलिक के विरोध में उतरा जाट समाज, किसान आंदोलन को भटकाने का लगाया आरोप

चरखी दादरी(प्रदीप साहू): जाट नेता यशपाल मलिक द्वारा फिर से जाट आरक्षण को लेकर आंदोलन शुरू करने पर समाज के लोग विरोध में उतर आए हैं।

जाट आरक्षण संघर्ष समिति की हुई मीटिंग में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा, आरक्षण को लेकर कोई आंदोलन शुरू नहीं किया जाएगा।

साथ ही अल्टीमेटम भी दिया कि कृषि कानूनों के रद्द होने तक भाजपा-जजपा नेताओं का विरोध जारी रखेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।

जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मीटिंग गांव पांडवान में वरिष्ठ नेता राजबीर शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें जिलेभर से जाट समाज के साथ-साथ आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारी भी पहुंचे।

करीब दो घंटे चली मीटिंग में जाट नेता यशपाल मलिक द्वारा दोबारा जाट आरक्षण शुरू करने का विरोध किया। समाज के लोगों ने कहा कि यशपाल मलिक द्वारा किसान आंदोलन को भटकाने का प्रयास है, इसलिए दिल्ली में गत दिनों हुई मीटिंग में मलिक ने दोबारा से जाट आरक्षण के लिए आंदोलन करने की बात कही।

ऐसे लोग आरएसएस व भाजपा के हैं जो दोगली राजनीति करते हुए। मीटिंग में सर्वसम्मति से राजकुमार हड़ोदी को पांच वर्ष के लिए जाट आरक्षण संघर्ष समिति का प्रधान नियुक्त किया। साथ ही जाट सेवक संघ का गठन करते हुए राजकरण सरपंच को चेयरमैन बनाया गया।

मीटिंग के समिति के जिलाध्यक्ष राजकुमार हड़ोदी व राजकरण सरपंच ने संयुक्त रूप से कहा कि यशपाल मलिक द्वारा किसान आंदोलन को भटकाने के लिए दोबारा आरक्षण शुरू करने का विरोध किया गया है।

कृषि कानूूनों के रद्द होने तक समाज के लोग किसान आंदोलन में विशेष भागेदारी सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा निर्णय लिया, किसान आंदोलन के दौरान भाजपा-जजपा के नेताओं का विरोध करते रहेंगे और गांव में घुसने पर रोक लगाएंगे। इसके लिए गांव स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाएगा।

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