नई दिल्ली (रिपोर्ट- प्रदीप कुमार): आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इससे पहले वे गृहमंत्री अमित शाह से भी मिल चुके हैं। इसके बाद उनकी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं।
Shri @ysjagan, @AndhraPradeshCM called on PM @narendramodi. pic.twitter.com/UoSi9rkdYK
— PMO India (@PMOIndia) October 6, 2020
वाईएसआर कांग्रेस के एनडीए में शामिल होने की अटकलों के बीच जगनमोहन रेड्डी और पीएम मोदी की मुलाकात हुई है। बैठक के दौरान राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 40 मिनट तक चली बैठक में रेड्डी ने लंबित बकाया धनराशि और कडपा इस्पात संयंत्र जैसी विभिन्न परियोजनाओं के लिए मंजूरी पर चर्चा की।
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मोदी से दस हजार करोड़ रुपए के लंबित राजस्व अनुदान और पोलावरम परियोजना के लिए 3,250 करोड़ रुपये को जारी करने और कुर्नूल जिले में उच्च न्यायालय की स्थापना का अनुरोध किया।
इससे पहले जगनमोहन रेड्डी ने अभी 23 और 24 सितंबर को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। आंध्र प्रदेश की विपक्षी पार्टी तेलुगु देशम के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु का आरोप है कि रेड्डी केंद्र के साथ डील करना चाहते हैं ताकि उनके खिलाफ सीबीआई केसों में उनको राहत मिल सके।
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दरअसल रेड्डी के एनडीए जॉइन करने की अटकलें इसलिए भी उठ रही हैं क्योंकि अब गठबंधन से शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल निकल चुके हैं,ऐसे में उसे नए सहयोगियों की जरूरत होगी। जगन मोहन रेड्डी एनडीए में शामिल होकर राज्यसभा में उसकी सीटें बढ़वा देंगे और इसके बदले में उन्हें केंद्र सरकार में एक कैबिनेट मंत्री और एक जूनियर मंत्री का पद मिल जाएगा। इसके साथ ही बीजेपी के साथ रिश्ते सुधारने की आस बनाए हुए नायडु की कोशिशों पर भी रोक लगाया जा सकेगी।
हालांकि, वाईएसआर कांग्रेस ने फिलहाल इन अटकलों को खारिज किया है।वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि ऐसे वक्त में जब राज्य मुश्किल आर्थिक चुनौतियों से गुजर रहा है तो केंद्र से अच्छे संबंध फायदेमंद हो सकते हैं।हालांकि, कहा जा रहा है कि चूंकि जगन मोहन रेड्डी 2019 में आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिलवाने की मांग के साथ सत्ता में आए थे, ऐसे में इस मांग के पूरा हुए बगैर एनडीए में जाना उनके लिए नुकसानदायी हो सकता है।