प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। दरअसल, कुमारी शैलजा को लग रहा है कि वह प्रदेश में संगठन के फैसले स्वतंत्र रूप से नहीं ले पा रही हैं और ना ही आलाकमान उनकी सहायता ही कर पा रहा है। दरअसल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा लगातार राज्य में बदलाव की मांग करते रहे हैं। कांग्रेस के खिलाफ असंतोष जाहिर करने वाले जी-23 नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा का नाम भी शामिल रहा हैं। ऐसे में कुमारी शैलजा के इस्तीफे के पीछे हुड्डा खेमे का दबाव माना जा रहा है।
ख़बर हैं कि कांग्रेस के चंडीगढ़ में महंगाई के विरोध में प्रदर्शन रखा था। इस दिन कांग्रेस के कुछ विधायक ही प्रदर्शन में भाग लेने आए। इससे भी सैलजा नाराज है। कांग्रेस हाइकमान इस पर कोई कारवाई नहीं कर रहा और न ही कुमारी शैलजा को संगठन बनाने की जिम्मेदारी दे रहा इसलिए शैलजा ने अपना इस्तीफा पार्टी को दिया है।
हालांकि कुमारी शैलजा या कांग्रेस हाईकमान की ओर से आधिकारिक तौर पर अब तक इस्तीफ़े को लेकर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन विवाद निपटाने को लेकर मंथन जारी है प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल ने भी फिलहाल कुमारी शैलजा के इस्तीफे की खबर से इंकार किया है,कांग्रेस नेतृत्व इस बात को लेकर चिंतित भी है कि कुमारी शैलजा दलित समुदाय से आती हैं और महिला नेता हैं। यदि उन्हें हटाया जाएगा तो पार्टी पर विरोधी दल दलितों की उपेक्षा का आरोप भी लगा सकते हैं।
खासतौर पर ऐसे वक्त में यह आरोप और भी पुख्ता होने का डर है, जब पंजाब में सुनील जाखड़ जैसे बड़े नेता ने दलित लीडर चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम फेस बनाए जाने पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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इसके अलावा राहुल गांधी ने हाल ही में कहा कि मायावती को कांग्रेस ने सीएम फेस बनाने का ऑफर दिया था। इसके बाद मायावती ने उन पर अटैक करते हुए कांग्रेस पर ही दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाया था। उनके इस आरोप के ठीक बाद कुमारी शैलजा को पद से हटाया जाना कांग्रेस के लिए मुश्किल साबित हो सकता है।
दरअसल पंजाब में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने चरणजीत सिंह चन्नी जैसे दलित चेहरे को सीएम फेस बनाकर सत्ता में दोबारा वापसी का चांस मारा था। लेकिन, आलाकमान की ओर से इस बात का भरपूर प्रचार किए जाने के बावजूद प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं ने उन्हें दिल से स्वीकारने में परहेज किया। नतीजा कांग्रेस को राज्य में बहुत करारी शिकस्त मिली। अब पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी एकबार फिर से दलित राजनीति के मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व दोराहे पर खड़ा है।
रिपोर्ट के मुताबिक कुमारी शैलजा ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। कुमारी शैलजा के इस्तीफा देने की ये चर्चा उन खबरों के बीच आई है, जिसके मुताबिक कांग्रेस आलाकमान पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से इस बात को लेकर भारी दबाव है कि शैलजा को हटने के लिए कहें और उनकी जगह चाहे खुद उन्हें या उनके किसी पसंद के नेता को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दें। जानकारी के मुताबिक भूपेंद्र हुड्डा खुद या अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान दिलाना चाहते है। भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल हैं, जो पिछले डेढ़ साल से पार्टी नेतृत्व की नापंसदी के बावजूद संगठन में लोकतांत्रिक बदलाव की मांग कर रहे है।
राज्य में पिछले चुनाव में भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को एन वक्त पर कमान तो सौंपी गई लेकिन पार्टी सत्ता से कुछ कदम दूर रह गई ऐसे में हरियाणा में चुनाव से पहले एक बार फिर हुड्डा को कमान सौपे जाने को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ने लगी है।