प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – कनाडा में आयोजित हो रहे राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के 65वें सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार देर रात कनाडा के टोरोंटो में प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की है। इस अवसर पर उन्होंने प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वे अपनी मातृभूमि और कर्मभूमि के प्रति समर्पित रहते हुए बदलते भारत की तस्वीर दुनिया तक पहुंचा रहे हैं।
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आज भारत सम्पूर्ण विश्व की आवाज बन चुका है। पूरी दुनिया आज भारत को आशा भरी नजरों से देख रही है। हमारे प्रति उनके इस विश्वास का आधार हमारे युवा हैं। विश्व के देशों के सामने जब भी कोई चुनौती या आपदा आती है तो उसका भरोसेमंद और विश्वसनीय समाधान हमारे युवा ही सुझाते हैं। उनकी यह कर्तव्यनिष्ठा हमें उनके सामथ्र्य पर गर्व करने का अवसर देती है।
उन्होंने कहा कि एक समय था जब हम तकनीकी, विज्ञान सहित कई अन्य क्षेत्रों में दूसरे देशों पर निर्भर थे लेकिन अब नवनिर्माण के इस दौर में भारत में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। लेकिन विकसित देश बनने की दौड़ में भारत ने वसुधैव कुटुंबकम की भावना को भी जीवंत रखा है। यही कारण है कि आज भारत जो भी हासिल कर रहा है उसको सबके साथ साझा भी कर रहा है।
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स्पीकर बिरला ने कहा कि भारत की इस प्रगति को प्रवासी भारतीय दुनिया तक बहुत अच्छे से पहुंचा रहे हैं। आज वे जिस देश मे भी रह रहे हैं, वहां के संबंध भारत से सशक्त करने में उनकी अहम भूमिका है। वे भारत से भी प्रेम करते हैं और उस देश को भी अपनी श्रेष्ठ कर्मशीलता से आगे ले जाने में उत्कृष्ट योगदान देते हैं।
देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी के अमृत महोत्सव को विदेशी सरजमीं पर भी उल्लास और उमंग के साथ मनाने के लिए ओम बिरला ने प्रवासी भारतीयों की सराहना की। बिरला ने कहा कि भारतीय दुनिया में जहां भी रहे, तिरंगा हमें एक सूत्र में पिरोता है। अमृतकाल में प्रवासी भारतीयों ने अन्य देशों में भी स्वाधीनता दिवस को एक उत्सव का स्वरूप दिया और वहां के स्थानीय लोगों को शामिल कर इसे एक वैश्विक स्वरूप प्रदान किया।
स्पीकर ओम बिरला ने टोरोंटो में अपने लघु प्रवास के दौरान स्वामी नारायण मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर को देखा और वहां के म्यूजियम में भी गए। स्पीकर बिरला ने कहा कि मंदिर की वास्तुकला और म्यूजियम में भारत के गौरवशाली इतिहास और आध्यात्मिक प्रवाह की यात्रा प्रेरणादायक है।