माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने सैन्य तख्तापलट के बीच अपने इस्तीफे की घोषणा की है। विद्रोही सैनिकों द्वारा हिरासत में लिए जाने से पहले उनके घर के बाहर हवा में गोलियां दागने के बाद उन्होंने कल रात राज्य टेलीविजन पर अपने इस्तीफे की घोषणा की। नाटकीय रूप से चल रहे घटनाक्रम में राष्ट्रपति का इस्तीफा दो महीने से चल रहे नियमित प्रदर्शनों के बाद आया है। इब्राहिम बाउबकर के अंतिम कार्यकाल के समाप्त होने से तीन साल पहले ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा है। इसके साथ ही उन्होंने देश की संसद को भी भंग कर दिया है।
राष्ट्रीय प्रसारक ORTM पर बोलने के बाद उनका इस्तीफा तुरंत रूप से प्रभावी हो गया है। टेलीविजन स्क्रीन के नीचे एक बैनर ने उन्हें निवर्तमान राष्ट्रपति के रूप में संदर्भित भी किया।
लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित और पुन: निर्वाचित होने वाली कीता की सरकार को कुछ विकल्पों के साथ छोड़ दिया गया था। अपने इस्तीफे पर बोलते समय कीता ने कहा कि अगर आज हमारे सशस्त्र बलों के कुछ तत्व चाहते हैं कि यह उनके हस्तक्षेप से समाप्त हो जाए, तो क्या मेरे पास वास्तव में कोई विकल्प है।
सैनिकों ने माली के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री को कल निवास के आसपास और एक स्पष्ट तख्तापलट में हवा में फायरिंग के बाद हिरासत में ले लिया था। माली में फिलहाल काफी उथल–पुथल का माहौल है, जो कि आर्मी के केंद्र रहे काटी शहर से शुरू हुआ। यहां पर सैनिक शास्त्रागार में घुस गए और हथियारों पर कब्जा कर लिया और उन्होंने सीनियर मिलिट्री अधिकारियों को बंदी बना लिया था।
माली कभी फ्रांस का उपनिवेश रहा है। माली में साल 2012 में भी तख्तापलट हुआ था। फिलहाल माली में हालात तनावपूर्ण हैं और सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की ओर से प्रदर्शन भी किया जा रहा है।
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