MCD integration bill: लोकसभा में दिल्ली सरकार पर बरसे अमित शाह, बोले- निगम के साथ सौतेला

नई दिल्ली(प्रदीप कुमार):  एमसीडी एकीकरण बिल पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा है कि दिल्ली सरकार एमसीडी के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। दिल्ली के विकास के लिए एमसीडी एकीकरण बिल को जरूरी बताते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि एमसीडी का बंटवारा बिना सोचे समझे आनन-फानन में किया गया था। दिल्ली में तीनों नगर निगम को एक करने का महत्वपूर्ण बिल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश करते हुए चर्चा की शुरुआत की।

गृहमंत्री अमित शाह ने बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि इसका मकसद केवल तीनों नगर निगमों को एक करने का है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले दस साल के अनुभव का बारीक विश्लेषण और तथ्य जो सामने आए हैं उसको लेकर सरकार का यह मत है कि दिल्ली के तीनों निगमों का एकीकरण कर पहले जैसी स्थिति की जाए। इस दौरान सदन में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि निगम विभाजन आनन-फानन में किया गया था। गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली सरकार पर नगर निगमों के साथ सौतेला व्यवहार करने की बात कही। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के इस व्यवहार के कारण सारे नगर निगम अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिए खुद को पर्याप्त संसाधनों से लैस नहीं पाते हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब दिल्ली निगम को बांटा गया तो संसाधनों और दायित्वों का बंटवारा सही तरह से नहीं किया गया। तीन में से एक निगम इनकम की दृष्टि से हमेशा अच्छा होगा जबकि बाकी दो निगम पर जिम्मेदारी ज्यादा होगी और इनकम कम। इस वजह से ऐसी परिस्थितियां होती हैं कि जो चुनकर आते हैं उन्हें निगम चलाने में दिक्कत होती है। गृहमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार इन निगमों के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार कर रही है। इस कारण ये निगम अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिए अपने आपको पर्याप्त संसाधनों से लैस नहीं पा रहे हैं।

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गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि दिल्ली में एमसीडी के एकीकरण से दिल्ली का पूर्ण विकास होगा।इस बिल में दिल्ली के पार्षदों की संख्या 272 से सीमित कर ज्यादा से ज्यादा 250 किया जाएगा। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली नगर निगम पूरे राजधानी क्षेत्र का 95 प्रतिशत हिस्से का सिविक सेवाओं की जिम्मेदारी उठाता है। इसके तीनों निगमों में 1 लाख 20 हजार कर्मचारी काम करते हैं। राजधानी क्षेत्र होने के कारण राष्ट्रपति भवन, संसद, प्रधानमंत्री निवास और सारे केंद्रीय सचिवालय, दूतावास यहीं हैं। अंतर्राष्ट्रीय बैठकों का स्थान भी यहीं है। इसे देखते हुए सिविक सेवाओं की जिम्मेदारी का निर्वहन दिल्ली के तीनों निगम सही से उठा पाएं ये ज़रूरी है।

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गृहमंत्री ने कहा, ‘नगर निगम की सेवाओं को और दक्षता और पारदर्शिता के साथ चलाया जाए, ये संशोधन भी इस बिल में हैं। दिल्ली के पार्षदों की संख्या को भी सीमित करने का प्रस्ताव इस बिल में है। नागरिक सेवाओं को कहीं भी और कभी भी, के सिद्धांत के आधार पर व्यवस्थित किया जाए। इधर, कांग्रेस ने दिल्ली में एमसीडी एकीकरण बिल का विरोध किया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि इसमें संघीय ढांचे का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। एमसीडी पर संसद के बजाय दिल्ली विधानसभा में निर्णय होना चाहिए। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस बिल के विरोध में कई तर्क पेश किए हैं।

हालांकि, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के विरोध के बाद बीजेपी सांसद रमेश बिधूरी ने बिल पर सरकार का समर्थन करते हुए जोरदार पलटवार किया। रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए दिल्ली के विकास के लिए एमसीडी एकीकरण बिल को जरूरी बताया। एमसीडी एकीकरण बिल पर अन्य पार्टियों के सांसदों ने भी पक्ष विपक्ष को लेकर जोरदार दलीलें पेश की। इधर, आम आदमी पार्टी लगातार केंद्र के एमसीडी एकीकरण बिल का विरोध कर रही है। पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एकीकृत करने के लिए संसद में पेश किए गए विधेयक का अध्ययन करेंगे और अगर जरूरत पड़ी,तो इसे अदालत में चुनौती देंगे।

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