चोरी करने का आता है विचार..कहीं आप भी तो नहीं इस बीमारी के शिकार?

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Mental Health: चोरी, डकैती की खबरें तो आए दिन सुनने में आती रहती हैं। लेकिन आपने ऐसे व्यक्ति के बारे में भी सुना होगा जो हर छोटी चीजों की चोरी करता है, जिसकी उसे कोई आवश्यक्ता भी नहीं होती। अगर आपको पता चले कि ऐसे लोग जानबूझ कर नहीं बल्कि किसी बीमारी की चपेट में आने के कारण ऐसा करते हैं तो शायद आप चौंक जाएं। वो कौन सी बीमारी है, जिसकी वजह से लोग चोरी करने पर मजबूर हो जाते हैं, आइए उसके बारे में जानते हैं। Mental Health:

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दरअसल, क्लेप्टोमेनिया नाम की एक मानसिक बीमारी होती है, जिसकी चपेट में आने से इंसान को चोरी करने की तलब होने लगती है। वो उन सभी चीजों को चुराना चाहता है, जिसकी उसे कोई जरुरत नहीं होती है। हांलाकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये एक दुर्लभ बीमारी है, जिसका इलाज के लिए कोई दवा भी काम नहीं करती है। इस बीमारी को क्लेप्टोमेनिया कहा जाता है, जो एक मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्या है। इसकी चपेट में आने वाला शक्श आमतौर पर उस वस्तु को चुराने का प्रयास करता है, जो आसानी से वो खरीद सकता है या जिसका मुल्य बहुत कम होता है और जब तक वो उस वस्तु को चुरा नहीं लेता है तब तक वो परेशान रहता है। कई बार लोग ऐसी समस्या होने पर उसे ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर यानी OCD मान लेते हैं। लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार OCD और क्लेप्टोमेनिया में काफी अंतर देखा गया है।


क्लेप्टोमेनिया के लक्षण में देखा गया है कि जो इंसान क्लेप्टोमेनिया से घिरा होता है उसे किसी चीज को चुराने की तीव्र इच्छा होने लगती है, जिसे वो रोक नहीं पाता है। चोरी करने से पहले वो परेशान, उत्तेजित महसूस करता है,वहीं चोरी करते समय उसे खुशी, राहत और संतोष महसूस होता है। लेकिन चोरी करने के बाद अपराधबोध, शर्म या गिरफ्तार होने का भय भी उसे सताने लगता है।

जिस प्रकार हर बीमारी का कोई न कोई कारण होता है, वैसे क्लैप्टोमेनिया का कोई सही कारण नहीं है, कुछ लोगों का मानना है कि सेरोटोनिन (Serotonine) की कमी से यह होता है। सेरोटोनिन (Serotonine) एक न्यूरोट्रांसमीटर, भावनाओं और भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है। 2014 में जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंसेस इन रूरल प्रैक्टिस में प्रकाशित एक अध्ययन ने बताया कि डिप्रेशन और नशे की लत वाले लोगों में क्लेप्टोमेनिया अधिक होता है।

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अगर इसके इलाज की बात करें तो क्लैप्टोमेनिया का कोई दवा नहीं है। मनोचिकित्सक इस मानसिक स्वास्थ्य समस्या का उपचार करने के लिए मरीज का व्यवहार देखते हैं और डिप्रेशन के दौरान दी जाने वाली थेरेपी देते हैं। क्लेप्टोमेनिया से पीड़ित व्यक्ति को लत को रोकने वाली दवाईयां भी दी जाती हैं, जो चोरी करने की इच्छा को कम करने में मदद करती हैं।

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