(ओपी शुक्ला की रिपोर्ट): दिल्ली के तिहाड़ जेल नंबर एक में बंद कैदी के पेट में से डॉक्टरों ने दो मोबाइल फोन निकाले हैं। जबकि दो ऐसी चीजें अभी भी पेट में हैं, जिनके बारे में डॉक्टर जानने की कोशिश कर रहे है। जिनको जल्द ही निकाला जाएगा। तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल का कहना है कि बीते अगस्त में तिहाड़ जेल में मोबाइल फोन को बेचने के बारे में पुख्ता जानकारी मिली थी। जिसके बाद सिक्योरिटी को भी टाईट कर दिया था। हर एक की चैकिंग काफी गंभीरता से की जा रही थी। इसी बीच जेल नंबर एक में बंद कैदी के बारे में जानकारी मिली थी कि कैदी के पेट में दो से तीन मोबाइल फोन होने की सम्भावना है।ऐसे में जेल प्रशासन ने कैदी को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की गई। साथ ही उसकी डॉक्टरी जांच करवाई गई। जहां मेडिकल जांच में मोबाइल फोन जैसी कुछ चीजें होने के बारे में पता चला। ऐसे में इसी बीच कैदी के पेट में काफी ज्यादा दर्द होने लगा । जिसके बाद कैदी को जी बी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां बुधवार को जीबी पंत अस्पताल में कैदी की एंडोस्कोपी की गई, जिसमें उनके शरीर से दो मोबाइल फोन निकाले गए हैं। वही जी बी पंत में डॉक्टरों ने कहा है कि कैदी के पेट में दो और चीजें हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे कौन सी वस्तुएं हैं। Viral news today,
जहां अब कैदी की जल्द ही आगे जांच करने के बाद उस वस्तु को भी निकालने की कोशिश की जाएगी । वही जेल सूत्रों ने बताया कि कैदी ने पैसा कमाने के लिये नई तरकीब निकाली थी। जहां छोटे फोन को पेट में रखकर उसको दूसरे कैदियों को सप्लाई करने की सोची थी। वही आरोपी कैदी फोन को जेल में इसी तरह से लाने में कामयाब भी हो गया था। लेकिन बाद में मोबाइल फ़ोन पेट से बाहर नहीं निकाल पाया । जिसके कारण उसके पेट में काफी दर्द होने लगा । ऐसे में जेल अस्पताल में उसकी जांच भी की गई थी। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ।
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वही जेल प्रशासन के मुताबिक यह कैदी हत्या, लूट और डकैती के मामलों में बंद है। जहां कुछ दिनों पहले कोर्ट डेट पर जेल से बाहर गया था। और वही से यह मोबाइल निगल कर जेल में लाया गया। जहां जेल के एंट्री गेट पर कैदियों की तलाशी लेने के लिए तैनात टीएसपी ने इसकी जांच की थी,लेकिन वह किसी तरह से बच गया। जहां बाद में जेल के अंदर जाने पर इसने पेट के अंदर पड़े मोबाइल फोन को निकालने की कोशिश की। लेकिन सफल नहीं हुआ। ऐसे में आरोपी कैदी ने कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार नाकामयाब रहा। जिसके बाद वह बहुत डर गया और खुद ही इसने जेल अधिकारियों को यह बात बताई। जहां शुरूआत में अधिकारियों ने मामले को मजाक में लेकर गंभीरता से नहीं लिया । लेकिन जब उसके पेट में काफी ज्यादा दर्द हुआ और डॉक्टरों ने उसके पेट में कुछ होने के बारे में बताया तो मामले को गंभीरता से लिया गया । जिसके बाद उसे हॉस्पिटल पहुंचाया गया फिलहाल जेल प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रहा है।