Modi 3.0 Budget: भारत आगामी केंद्रीय बजट 2024-25 की तैयारी कर रहा है, ऐसे में देश भर के छात्रों ने एजुकेशन सेक्टर में सुधार की उम्मीद जताई है।छात्र सरकार से फंडिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की मांग कर रहे हैं। छात्रा भूमिका थारवानी ने सरकार से शिक्षा का बजट बढ़ाने की उम्मीद जताई है।उन्होंने कहा, “स्टूडेंट होने के नाते बजट से मेरी भी उम्मीदें है। शिक्षा मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि हमें अपनी जीडीपी का छह प्रतिशत एजुकेशन पर खर्च करना चाहिए। लेकिन अभी हम तीन से से साढ़े तीन के आसपास ही कर रहे हैं। मुझे लगता है कि हमें उस प्रतिशत को बढ़ाना चाहिए। साथ ही हमें स्कॉलरशिप भी बढ़ानी चाहिए और नेशनल इंस्टिट्यूट की संख्या भी बढ़ानी चाहिए।
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साल 2024 में क्या हैं उम्मीदें…? वहीं, एक और स्डूडेंट ने इंडियन नॉलेज सिस्टम को बढ़ाना देने और उसे लागू करने की मांग की।उन्होंने कहा, “बतौर स्टूडेंट मेरी ये मांग है कि जो आईकेएस सिस्टम है यानी इंडियन नॉलेज सिस्टम। उसे और ज्यादा बढ़ावा दिया जाना चाहिए और आईकेएस सिस्टम को लागू करने पर कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ाया जाना चाहिए। दूसरा, सरकार 2020 से एनईपी के बारे में बता रही है। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए काम किया जाना चाहिए। एनईपी को सही से लागू किया जाना चाहिए।”कुछ छात्र भारत के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेक्टर में भी सरकार से बेहतरी की उम्मीद कर रहे हैं।
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युवाओं के लिए खुलेगा मोदी सरकार का खजाना? उनका कहना है कि सरकार रिसर्च एंड डेवलपमेंट की दिशा में ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है, जबकि दुनिया के बाकी देश इस सेक्टर में भारत से काफी आगे हैं।उन्होंने कहा, “भारत वैश्विक महाशक्ति बनने जा रहा है और वैश्विक सेवा का नेतृत्व करेगा। हम रिसर्च एंड डेवलप के सेक्टर में बहुत कुछ नहीं कर रहे हैं। वर्तमान में हम चीन, दक्षिण कोरिया और अमेरिका जैसी आर्थिक महाशक्तियों से उलट रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर बजट का 0.67 फीसदी हिस्सा ही खर्च कर रहे हैं। इसीलिए मेरी मांग यही है कि सरकार को रिसर्च पर और ज्यादा पैसा खर्च करना चाहिए।”इसके अवाला कुछ लोगों का मानना है कि किसी भी देश के विकास और बेहतर भविष्य के लिए एजुकेशन को अहमियत दी जानी चाहिए।